कर्नाटक (Karnataka) के 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बरकरार रखा है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार (KR Ramesh Kumar) के आदेश का वह हिस्सा निरस्त कर दिया जिसमें इन विधायकों को 15वीं विधानसभा के कार्यकाल के अंत तक के लिए अयोग्य घोषित किया गया था. 17 अयोग्य विधायकों के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आंशिक तौर पर राहत भरा है क्योंकि अब ये कर्नाटक में पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में हिस्सा ले सकते हैं. कर्नाटक उपचुनाव (Karnataka By-Elections) के नतीजे नौ दिसंबर को आएंगे.
कर्नाटक में वर्तमान में 208 सदस्यीय सदन में बीजेपी के पास 104 विधायक हैं. बीजेपी ने कर्नाटक विधानसभा के 105 के जादुई आंकड़ें को एक निर्दलीय के समर्थन से प्राप्त किया था और राज्य में सरकार बनाई थी. दरअसल, 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद कर्नाटक में विधानसभा सीटों की संख्या 208 हो गई थी. यह भी पढ़ें- कर्नाटक अयोग्य विधायक: सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को रखा बरकरार, 5 दिसंबर को उपचुनाव लड़ने की दी अनुमति.
पांच दिसंबर को कर्नाटक में 15 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 223 हो जाएगी. बीजेपी को इन 15 सीटों में से खुद कम से कम सात पर जीत हासिल करनी होगी ताकि वह बहुमत के जादुई आंकड़ें 112 (223 सदस्यीय विधानसभा) को प्राप्त कर सके. अगर वह इसमें नाकाम रहती है तो मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की सरकार गिर सकती है.
उधर, सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नाटक के 17 बागी विधायकों पर फैसला देने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में एक बैठक की. बैठक का एजेंडा यह तय करना था कि कितने बागियों को बीजेपी का टिकट दिया जाए और कितने को न दिया जाए. अगर ऐसा है तो यह कैसे सुनिश्चित किया जाए कि छोड़े जाने वाले विधायकों की नाराजगी से बीजेपी की अगुवाई वाली कर्नाटक सरकार को नुकसान नहीं पहुंचे.