झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: अगर कांग्रेस और JMM ने ऐसा किया तो मिल सकती है अच्छी कामयाबी, बीजेपी को हो सकता है नुकसान
सीएम रघुवर दास, हेमंत सोरेन, पीएम मोदी और राहुल गांधी (Photo Credits-PTI/Facebook)

रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव  2019 (Jharkhand Assembly Election 2019) की तारीख का ऐलान चुनाव आयोग आज शाम करने जा रहा है. सूबे में बीजेपी एक बार फिर सीएम रघुवर दास (Chief Minister Raghubar Das) के नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रही है. जिसका सीधा मुकाबला जेएमएम-कांग्रेस (JMM-Congress) गठबंधन से होने जा रहे है. इसी बीच खबर है सूबे में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर बात बन गई है. महज औपचारिक ऐलान होना बाकी है. कांग्रेस हर चुनाव की तरह सभी विपक्षी दलों को एक साथ लेकर चुनाव लड़ना चाहती है. जिससे कांग्रेस की सीटें कम हो सकती हैं.

महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव (Maharashtra and Haryana Assembly Election Results 2019) के नतीजों से विपक्षी दल कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन को सबक लेने की जरूरत है. बताना चाहतें है कि दोनों ही राज्यों में जनता ने स्थानीय मुद्दों, रोजगार, महंगाई सहित किसानों के मुद्दे को ध्यान में रखकर वोट किया. बीजेपी ने स्थानीय मुद्दों की बजाय राष्ट्रीय मुद्दों को जमकर उछाला. जिसे जनता ने तवज्जो नहीं दिया. यह भी पढ़े-झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: इलेक्शन कमीशन आज करेगा चुनाव की तारीखों का ऐलान, दिसंबर में हो सकती है वोटिंग

वही बीजेपी की तरफ से राष्ट्रीय नेताओं ने प्रचार किया तो विपक्ष की तरफ से स्थानीय नेताओं ने मोर्चा संभाला. महाराष्ट्र-हरियाणा में बीजेपी की तरफ से पीएम मोदी (PM Narendra Modi), अमित शाह (Amit Shah) ने वोट मांगा. इस दौरान कश्मीर सहित राष्ट्रवाद के मुद्दे दोनों नेताओं ने जमकर उछाले लेकिन नतीजों से साफ है कि जनता से इसे सिरे से खारिज कर दिया.

महाराष्ट्र-हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि अगर चुनाव में जीत चाहिए तो राष्ट्रीय मुद्दों को प्राथमिकता देने की बजाय स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा फोकस करना पड़ेगा.

उल्लेखनीय है कि झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें है. इसके साथ ही बहुमत का आंकड़ा 41 का है. वर्ष 2014 के चुनाव में बीजेपी को 37 सीटें, उसकी सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन को 5 सीट पर जीत मिली थी. इसके साथ ही झारखंड विकास मोर्चा ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी.