नागरिकता संशोधन कानून (CitizenshipAmendmentAct) पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) में हिंसा को विपक्षी दलों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. दिल्ली (Delhi) के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि पुलिस कुलपति (Vice Chancellor) की अनुमति के बिना यूनिवर्सिटी परिसर में नहीं जा सकती. अगर उन्हें अनुमति नहीं थी तो पुलिस जो केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है, कैसे कैंपस के अंदर गई? हम इसकी निंदा करते हैं. इसकी न्यायिक जांच (Judicial Inquiry) होनी चाहिए.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि विरोध प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस है. अगर कांग्रेस ऐसी हिंसा भड़काने में सक्षम होती, तो आप सत्ता में नहीं होते. यह बेबुनियाद आरोप है. मैं इसकी निंदा करता हूं. इस सब के लिए केवल सत्तारूढ़ पार्टी, पीएम, गृह मंत्री और उनकी कैबिनेट जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि पूरे देश ने इस असंवैधानिक कानून का विरोध किया है. यह भी पढ़ें- जामिया हिंसा: राहुल गांधी ने पीएम मोदी-अमित शाह पर साधा निशाना, कहा- ध्रुवीकरण के हथियार हैं CAB और NRC.
Ghulam Nabi Azad,Congress on Jamia Millia Islamia: Police can't enter into university premises without permission of Vice Chancellor. If they weren't permitted,how did Police, which comes under Central govt,enter into the campus? We condemn it. There should be a judicial inquiry. pic.twitter.com/CMe1Jehszr
— ANI (@ANI) December 16, 2019
वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेता डी. राजा ने कहा कि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है, जामिया के छात्रों पर बल प्रयोग पर गृह मंत्री अमित शाह की क्या प्रतिक्रिया है? उन्होंने कहा कि जहां तक वामपंथी दलों का सवाल है, हमने 19 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. हमें उम्मीद है कि यह विरोध प्रदर्शन बड़े पैमाने पर होगा. हम सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताकतों से इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील करते हैं.
D Raja, CPI: As far as Left parties are concerned, we have given a call for countrywide protest on December 19. We hope that the protest will be a massive one. We appeal to all secular, democratic forces to join in the protest. #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/ZRcxDGpreL
— ANI (@ANI) December 16, 2019
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि नागरिकता बिल को धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता है, यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि जामिया में छात्रों के साथ जो हुआ वह लोकतंत्र में पूरी तरह से अस्वीकार्य है.