Nirbhaya Gangrape Case: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटीशन, दया याचिका का विकल्प अभी भी बाकी
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: PTI)

निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) में दोषियों की फांसी से एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन कुमार गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया. पवन ने फांसी को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को होने वाली फांसी पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया है. साथ ही मामले की खुली अदालत में सुनवाई की मांग भी ठुकरा दी है. दोषी पवन ने दायर याचिका में फांसी से राहत की गुहार लगाते हुए कहा था कि उसका पक्ष सही ढंग से नहीं रखा गया. इसके साथ फांसी से राहत पाने के लिए कई और तथ्य भी रखे. जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. अपनी याचिका में दोषी पवन ने कहा था कि 16 दिसंबर, 2012 को जब निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई तब वह नाबालिग था.

दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने याचिका में मांग की है कि पवन के बारे में पूर्व के दिए गए आदेशों में उम्र संबंधी गलती को भी सुधारा जाना चाहिए उसकी मौत की सजा के स्थान पर आजीवन कारावास दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट पवन की याचिका खारिज कर चुका है लेकिन पवन के अभी दया याचिका का विकल्प बाकी है. यह भी पढ़ें- Nirbhaya Gangrape Case: दोषी अक्षय ने एक बार फिर लगाई दया याचिका, कहा- पुरानी पिटीशन में नहीं थे सभी तथ्य.

दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज-

शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में भी निर्भया के दोषियों की अर्जी पर सुनवाई होगी. दरअसल, निर्भया के दोषी अक्षय और पवन ने कोर्ट में अर्जी लगाई, जिसमें डेथ वारंट पर रोक की मांग की गई है. कोर्ट में निर्भया के दोषी पवन ने दलील दी कि उसने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन लगाई है. लिहाजा उसकी फांसी की सजा पर रोक लगाई जाए. थोड़ी देर में पटियाला हाउस कोर्ट फांसी पर स्टे की अर्जी पर सुनवाई करने जा रहा है.

निर्भया की मां आशा देवी ने पूरे मामले में कहा, मैं 7साल 3 महीने से संघर्ष कर रही हूं. वो कहते हैं हमें माफ कर दो. कोई कहता है कि मेरे पति, बच्चे की क्या गलती है. मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी? फांसी से एक दिन पहले सभी की नजरें अब पटियाला हाउस कोर्ट पर है अब देखना या होगा कि कोर्ट डेथ वारंट पर रोक लगाता है या मंगलवार को दोषियों को फांसी होती है.