झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: बाबूलाल मरांडी को मानाने में जुटा विपक्ष, बीजेपी को हराने के लिए महागठबंधन में JVM का होना जरुरी
बाबूलाल मरांडी (Photo Credits: @yourbabulal Facebook)

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद विपक्षी दलों का महागठबंधन दरकता नजर आ रहा है. आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद अब उन्हें मनाने का दौर शुरू हो गया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने सोमवार को मरांडी से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत चली. मरांडी द्वारा झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राज्य की राजनीति गरम हो गई. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस हर हाल में झाविमो को महागठबंधन में शामिल कराना चाहती है. कहा जा रहा है कि यही कारण है कि रामेश्वर उरांव ने बाबूलाल मरांडी से मुलाकात की.

सूत्रों का दावा है कि उरांव ने मरांडी को भरसक मनाने की कोशिश की है, लेकिन वह अब तक अपने फैसले पर अडिग हैं. उल्लेखनीय है कि शनिवार को मरांडी ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में महागठबंधन से अलग चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि पार्टी संघर्ष करेगी और जनता के बीच जाएगी. सूत्रों का कहना है कि झाविमो चुनाव के बाद गठबंधन के पक्ष में है. मरांडी का कहना है कि उम्मीदवारों का चयन करने से पहले सभी विधानसभा क्षेत्रों के पार्टी नेताओं से चर्चा करने के लिए पांच और छह नवंबर को बैठक बुलाई है, इसी में सर्वसम्माति से राय ली जाएगी. उनका मानना है कि महागठबंधन बनाने में बहुत देरी हो गई है.

इधर, झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके जनता दल (युनाइटेड) ने भी बाबूलाल मरांडी के इस फैसले का स्वागत किया है. जद (यू) के महासचिव क़े सी़ त्यागी ने कहा कि मरांडी की छवि ईमानदार नेता की रही है. झारखंड में उनकी जितने दिन सरकार रही, उनकी सरकार की छवि सुशासन की रही है, ऐसे में उनका महागठबंधन के साथ जाना कहीं से उचित नहीं है. कांग्रेस हालांकि मरांडी के इस फैसले से आहत है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि कांग्रेस पिछले साढ़े चार साल से सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार का विरोध करती रही है. ऐसे में किसी का अलग राह बना लेना सही नहीं है. झारखंड में विधानसभा चुनाव पांच चरणों में 30 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा. चुनाव परिणाम 23 दिसंबर को आएंगे.