Jharkhand Assembly Election 2019:- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में महज कुछ महीने शेष रह गए हैं. झारखंड में चुनावी खुमार अब नजर आने लगा है. बीजेपी-कांग्रेस- झारखंड मुक्ति मोर्चा-झारखंड विकास मोर्चा पार्टी के नेता कमर कसकर मैदान में उतर चुके हैं. सीएम रघुवर दास (Raghubar Das) जहां अपने काम को गिनाने के लिए जनता के बीच पहुंच रहे हैं. वहीं विरोधी उनकी नाकामी को दिखाकर अपनी स्थिति को मजबूत करने में जुट गई है. लेकिन इस बार झारखंड में कांटे की टक्कर होने वाली है. क्योंकि हरियाणा चुनाव में बीजेपी अपने टारगेट तक नहीं पहुंच पाई है और कांग्रेस का परफोर्मेंस बेहतरीन रहा. ऐसे में कांग्रेस के हौसले बुलंद है. अब कांग्रेस बीजेपी को हराने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) से हाथ मिला सकती है. अगर दोनों की सहमती बन गई और अन्य दलों का साथ कांग्रेस को मिल जाएगा तो बीजेपी की राह कठिन हो जाएगी.
पुर्व मुख्यमंत्री सह झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और कांग्रेसी नेता सुबोधकांत सहाय रांची के रिम्स में इलाज करा रहे हे लालू यादव से मिल सकते हैं. माना जा रहा है कि मुलाकात के पीछे एक ही मंशा है सभी एक साथ बीजेपी के खिलाफ खड़े हों. अगर साल 2014 के चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो एनडीए को 42 सीटों पर कब्जा किया था. वहीं विपक्षी दलों ने 39 सीटों पर जीत हासिल की थी. जिसमें जेएमएम को 19, जेवीएम को 8, कांग्रेस को 6 और अन्य को 6 सीटें हाथ लगी थी. इसी आंकड़े को देख कर विपक्ष एक होता है तो बीजेपी का समीकरण बदल सकता है.
वहीं हरियाणा चुनाव के परिणाम को देख बीजेपी सतर्क हो गई है. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और आजसू ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. झारखंड विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं. ऐसे में अभी तक सीटों का बंटवारे पर भी निर्भर करता है कि कौन सी पार्टी साथ लड़ेगी या कोई अकेले ही मैदान में उतरेगा. माना यह भी जा रहा है कि कांग्रेस झारखंड में 25-30 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. अब सभी की नजर चुनाव आयोग पर टिकी हुई हैं कि प्रेस कांफ्रेंस कर तारीख का ऐलान करते हैं.