अहमदाबाद: मोदी सरनेम मानहानि मामले (Modi Surname Defamation Case) में राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. उच्च न्यायालय ने मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ओर से सजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को भी खारिज कर दिया. हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही माना है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की दो साल की सजा बरकरार रहेगी.Telangana Assembly Elections: कांग्रेस ने विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए 4,000 रुपये पेंशन का वादा किया.
सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके अगले दिन 24 मार्च को दोपहर 2:30 बजे उनकी सांसदी चली गई थी. राहुल गांधी ने इस मामले में सूरत की कोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी जिसमें दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
सजा पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार
Gujarat High Court upholds Sessions Court's order denying stay on conviction of Rahul Gandhi in the defamation case against 'Modi surname' remark. pic.twitter.com/Qzw15PE0Ij
— ANI (@ANI) July 7, 2023
क्या है मोदी सरनेम केस
राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान 'मोदी सरनेम' को लेकर बयान दिया था. राहुल गांधी ने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है. इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था. चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी.
राहुल गांधी की सांसदी गई
सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 2019 के इस मामले में 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.