GST Slab: जीएसटी स्लैब में बदलाव के बाद कौन सी चीजें सस्ती या महंगी हो जाएंगी, ये है पूरी लिस्ट
Changes In GST Slab Rates

GST Slab Change: 1 जुलाई 2017 को जब देश में जीएसटी (Goods and Services Tax) लागू हुआ था, तो सरकार ने इसे ‘एक देश, एक टैक्स’ (One Nation One Tax) कहकर पेश किया था. इसका मकसद था कि एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty), वैट (VAT), सर्विस टैक्स (Service Tax) जैसे अलग-अलग टैक्स खत्म हों और लोगों को एक आसान टैक्स सिस्टम मिले. उस वक्त जीएसटी के तहत 0%, 5%, 12%, 18% और 28% के 5 स्लैब बनाए गए थे.

अब सरकार एक बार फिर बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है. जीएसटी काउंसिल जल्द ही नया ढांचा लागू कर सकती है, जिसमें 5 स्लैब की जगह सिर्फ 2 या 3 स्लैब होंगे. यानी टैक्स सिस्टम और आसान हो जाएगा.

क्या बदल जाएगा नए जीएसटी में?

सरकार जीएसटी स्लैब्स में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 12% और 28% वाले स्लैब खत्म हो सकते हैं. इसके बाद जीएसटी का नया ढांचा तीन हिस्सों में बंटेगा. पहला 5% स्लैब, जिसमें रोजमर्रा की जरूरी चीजें और सेवाएं शामिल होंगी. दूसरा 18% स्लैब, जिसमें ज्यादातर सामान और सर्विसेज आएंगे. तीसरा और सबसे ऊंचा 40% स्लैब, जिसमें सिगरेट, तंबाकू और संभवत: ऑनलाइन गेमिंग जैसे लग्जरी (Luxury) या हानिकारक प्रोडक्ट्स को रखा जाएगा. इस बदलाव के बाद टैक्स स्ट्रक्चर सरल हो जाएगा और लोगों को समझने में आसानी होगी.

कौन-सी चीजें होंगी सस्ती?

एसी, फ्रिज और अन्य अप्लायंसेज (AC, Fridge And Other Appliances)

अभी एसी पर 28% टैक्स लगता है, लेकिन नया रेट घटकर 18% हो सकता है. इससे 40,000 रुपये वाला एसी करीब 3,000 से 4,000 रुपये तक सस्ता मिल जाएगा.

गाड़ियां (Car)

अभी ऑटो सेक्टर पर 28% टैक्स लगता है, जिसे घटाकर 18% करने की तैयारी है. इससे 10 लाख की कार लगभग 80,000 से 1,00,000 रुपये तक सस्ती हो सकती है.

सीमेंट (Cement)

अभी सीमेंट पर 28% टैक्स लगता है, जिसे घटाकर 18% किया जा सकता है. इससे घर बनाने की लागत कम होगी और आम आदमी को सस्ता घर बनाने में मदद मिलेगी, साथ ही सरकार का ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ (Housing For All) मिशन भी मजबूत होगा.

रोजमर्रा का सामान (Everyday Items)

घी, मक्खन, जैम, नूडल्स जैसी रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया जा सकता है. इससे रसोई का खर्च कम होगा और आम आदमी की जेब को सीधी राहत मिलेगी.

होटल और टूरिज्म (Hotel And Tourism)

कम किराए वाले होटलों (7,500 रुपये से कम) पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया जा सकता है. इससे छुट्टियां मनाना और घूमना-फिरना और सस्ता हो जाएगा.

खेती-बाड़ी का सामान (Fertilizers And Pesticides)

खाद और कीटनाशकों पर टैक्स 18% से घटाकर 5% किया जा सकता है. इससे किसानों की लागत घटेगी और खेती करना सस्ता हो जाएगा.

इंश्योरेंस (Insurance)

लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स 18% से घटाकर 5% या 0% किया जा सकता है. इससे प्रीमियम सस्ता होगा और ज्यादा लोग बीमा का लाभ उठा पाएंगे.

किस पर बढ़ेगा बोझ?

सिगरेट और तंबाकू (Cigarettes And Tobacco)

सरकार सिगरेट, तंबाकू और इसी तरह की चीजों को ‘सिन टैक्स’ (Sin Tax) की कैटेगरी में डालकर 40% टैक्स कर सकती है. इसका मकसद है, कि लोग इनका इस्तेमाल कम करें.

ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming)

ऑनलाइन गेमिंग पर भी 40% तक टैक्स लगाया जा सकता है. इससे गेमिंग कंपनियों पर बोझ बढ़ेगा और खिलाड़ियों के लिए गेम्स महंगे हो जाएंगे.

किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?

अगर जीएसटी दरों में बदलाव होता है, तो इसका सीधा असर कई सेक्टर्स पर दिखेगा. एसी, फ्रिज और टीवी जैसी चीजें बनाने वाली कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कंपनियों की बिक्री बढ़ सकती है, वहीं कार और बाइक सस्ती होने से ऑटो सेक्टर में भी मांग बढ़ेगी. सीमेंट पर टैक्स कम होने से घर बनाना सस्ता होगा और रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा मिलेगा. घी, मक्खन और नूडल्स जैसे रोजमर्रा के सामान सस्ते होंगे तो आम आदमी की जेब को राहत मिलेगी.

होटल सस्ते होने से टूरिज्म और ट्रैवल इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा. किसानों के लिए खाद और कीटनाशक सस्ते होंगे, जिससे खेती की लागत घटेगी. वहीं, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स कम होने से बीमा प्रीमियम सस्ते होंगे और ज्यादा लोग बीमा करा पाएंगे.

मौजूदा जीएसटी स्लैब क्या है?

अभी देश में कुल 5 जीएसटी स्लैब 0%, 5%, 12%, 18% और 28% लागू हैं. अब सरकार 28% वाले स्लैब को हटाकर उसकी जगह 40% का ‘सिन टैक्स’ ला सकती है. इसका मतलब है, कि आम आदमी को राहत देने वाली चीजें  सस्ते हो जाएंगे. वहीं, सिगरेट, तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग जैसी हानिकारक चीजें इतनी महंगी होंगी कि लोग उनका इस्तेमाल कम करें.

यह बदलाव सिर्फ टैक्स दरों की अदला-बदली नहीं है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला बड़ा कदम माना जा रहा है.