Noida: फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़! बैंक लोन और बीमा पॉलिसी बेचकर लोगों को लगाते थे चूना
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नोएडा में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है जहां दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक बीकॉम ग्रेजुएट और 10 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह फर्जी बैंक लोन और बीमा पॉलिसी बेचकर लोगों को लूट रहा था. पुलिस ने बताया कि यह गिरोह सेक्टर 51 के एक स्थानीय बाज़ार में एक कमरे के ऑफिस से अपना कामकाज चला रहा था.

गिरोह के सरगना आशीष कुमार उर्फ अमित ने पुलिस को बताया कि वह बीकॉम ग्रेजुएट है और 2019 से कुछ सालों तक सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक में जीवन बीमा पॉलिसी बेचता था. उसके साथ जितेंद्र कुमार वर्मा उर्फ अभिषेक भी था.

डीसीपी (क्राइम) शक्ति अवस्थी ने कहा- "दोनों लोगों ने मिलकर फर्जी कॉल सेंटर शुरू किया और एनसीआर के बाहर रहने वाले लोगों को फर्जी बीमा और लोन बेचकर धोखा देना शुरू कर दिया. उन्होंने पिछले साल ऑनलाइन मार्केटप्लेस से लगभग 10,000 लोगों की व्यक्तिगत जानकारी सिर्फ़ 2,500 रुपये में खरीद कर यह काम शुरू किया. नौ महिलाओं को भर्ती किया गया और उन्हें इन फर्जी पॉलिसी या लोन बेचने के लिए कॉल करने की ट्रेनिंग दी गई."

अवस्थी ने बताया कि महिलाएं कमीशन पर काम करती थीं और जितनी बिक्री करती थीं या जितने क्लाइंट लाती थीं, उनके हिसाब से पैसा कमाती थीं.

अवस्थी ने कहा- "जब कोई व्यक्ति पॉलिसी खरीदने या लोन लेने के लिए राज़ी हो जाता था और पैसा देता था, तो वह पैसा कर्नाटक में पंजाब नेशनल बैंक के एक अकाउंट में ट्रांसफ़र हो जाता था. यह अकाउंट आशीष के नाम पर था."

पुलिस ने शनिवार को पूरे गिरोह को गिरफ्तार कर लिया है और चोरी की गई व्यक्तिगत जानकारी के विवरण वाली एक 'ब्लैक डायरी' बरामद की है. फर्जी कॉल सेंटर से 25 मोबाइल फ़ोन, 81 डेटा शीट, एक रजिस्टर और दो फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं. पुलिस आशीष के दावे की सत्यता की जांच कर रही है कि उसने व्यक्तिगत जानकारी खरीद कर इस काम को अंजाम दिया था.

डीसीपी ने कहा- "यह गिरोह होशियारपुर के शर्मा बाज़ार में एक ऑफिस से अपना कामकाज चला रहा था. यह गिरोह झारखंड के रांची में भी इसी तरह के एक घोटाले में संबंधित है. सीआरटी और सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने एक संयुक्त ऑपरेशन में इंटेलिजेंस के आधार पर गिरफ्तारियां की हैं."