Fact Check: क्या मुंबई के अंधेरी में गोखले ब्रिज के निर्माण में देरी के लिए BMC ने ठेकेदार पर लगा सिर्फ़ 5000 रुपये का जुर्माना? जानें सच्चाई
RTI से पता चला कि गोखले ब्रिज के निर्माण में देरी के लिए 5000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. (Photo : X)

मुंबई, 15 अगस्त: आजकल एक ख़बर तेज़ी से फैल रही है कि मुंबई के अंधेरी में गोपाल कृष्ण गोखले ब्रिज (Gopal Krishna Gokhale Bridge, Andheri, Mumbai) बनाने में दो साल की देरी करने वाले ठेकेदार पर बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) ने सिर्फ़ ₹5,000 का जुर्माना लगाया है. इस पुल का कुल बजट ₹87 करोड़ का है. इस दावे के बाद लोग सोशल मीडिया पर काफी नाराज़ हैं, क्योंकि पहले कहा गया था कि देरी के लिए ठेकेदार पर ₹3 करोड़ से ज़्यादा का जुर्माना लगाया जाएगा.

₹5,000 के जुर्माने की बात कहां से आई?

यह मामला तब सामने आया जब वकील गॉडफ्रे पिमेंटा ने एक RTI (सूचना का अधिकार) दायर की. RTI के जवाब में मिले 19 सितंबर, 2024 के एक पेमेंट बिल में लिखा था कि "₹5000/- का जुर्माना" लगाया गया है. यह बात पहले किए गए दावों से बिल्कुल अलग थी, जिनमें प्रोजेक्ट की कुल लागत का 5-6% जुर्माना लगाने की बात कही गई थी. वकील पिमेंटा का कहना है कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में इतनी बड़ी देरी के लिए इतना कम जुर्माना लगाना भविष्य के लिए एक गलत मिसाल कायम करेगा.

बीएमसी का क्या कहना है?

इस मामले पर बीएमसी अधिकारियों ने सफ़ाई दी है. उन्होंने कहा है कि बिल में दिखाया गया ₹5,000 का जुर्माना अंतिम नहीं है.

अतिरिक्त नगर आयुक्त (प्रोजेक्ट्स) अभिजीत बांगर ने बताया कि यह रक़म सिर्फ़ एक अस्थायी एंट्री है. ठेकेदार को काम पूरा करने के लिए जो अतिरिक्त समय दिया गया था, वो जुर्माने की शर्त पर ही दिया गया था. अंतिम जुर्माने की गणना कॉन्ट्रैक्ट के नियमों के अनुसार सख्ती से की जाएगी. उन्होंने यह भी साफ़ किया कि ठेकेदार को अभी तक पूरा भुगतान नहीं किया गया है और अंतिम पेमेंट से पहले जुर्माने की पूरी रक़म काट ली जाएगी.

पुल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी बताया कि देरी के कारण और गंभीरता के आधार पर जुर्माना अलग-अलग होता है, और ज़्यादा गंभीर देरी के लिए बड़ा जुर्माना लगता है.

तो आख़िरी सच क्या है?

सच यह है कि अभी तक कागज़ों पर ठेकेदार के नाम पर सिर्फ़ ₹5,000 का जुर्माना ही दर्ज किया गया है. लेकिन बीएमसी का कहना है कि यह सिर्फ़ एक शुरुआती आंकड़ा है और असली जुर्माने की गणना अभी बाकी है, जो इससे कहीं ज़्यादा होगी. बीएमसी ने एक बयान में यह भी कहा है कि संबंधित कर्मचारियों को 2-3 दिनों के भीतर गोखले ब्रिज प्रोजेक्ट के लिए सही जुर्माने की रक़म तय करने का निर्देश दिया गया है.

इसलिए, फिलहाल यह दावा सच है कि केवल ₹5,000 का जुर्माना दिखाया गया है, लेकिन अंतिम तस्वीर कुछ दिनों में साफ़ होगी जब बीएमसी जुर्माने की पूरी रक़म का खुलासा करेगी.