REPORT: देश में सबसे ज्यादा काम करते हैं दिल्ली के लोग, UP में सबसे अधिक लैंगिक भेदभाव, जानें आपके राज्य की स्थिति

नई दिल्ली: यदि आपको लगता है कि आप दिनभर सिर्फ काम में ही लगे रहते हैं, और आप दिल्ली में रहते हैं, तो आप बिल्कुल सही हैं. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी नई टाइम यूज सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के लोग पूरे देश में सबसे ज्यादा समय नौकरी या कामकाज से जुड़ी गतिविधियों में बिताते हैं.

इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक व्यक्ति औसतन रोज़ाना 455 मिनट (लगभग 7.5 घंटे) काम से संबंधित गतिविधियों में व्यतीत करता है, जबकि दिल्ली में यह समय बढ़कर 571 मिनट यानी करीब 9.5 घंटे हो जाता है. इसमें दफ्तर आने-जाने का समय भी शामिल है.

अन्य राज्यों में क्या है स्थिति?

दिल्ली के बाद हरियाणा दूसरे स्थान पर है जहां एक व्यक्ति औसतन 493 मिनट (करीब 8.2 घंटे) काम करता है. तमिलनाडु में यह समय 484 मिनट यानी लगभग 8 घंटे है. वहीं ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में लोग औसतन सात घंटे काम में बिताते हैं.

लैंगिक असमानता की तस्वीर

रिपोर्ट का एक महत्वपूर्ण पहलू लैंगिक असमानता को लेकर है. उत्तर प्रदेश में पुरुषों और महिलाओं के बीच कामकाजी समय में सबसे ज्यादा अंतर दर्ज किया गया, जहां महिलाएं पुरुषों की तुलना में 72 प्रतिशत कम समय काम में व्यतीत करती हैं. इसके बाद बिहार का स्थान है, जहां यह अंतर 71.6 प्रतिशत है.

दिल्ली और केरल में यह अंतर अपेक्षाकृत कम है. यहां पुरुषों और महिलाओं के काम के समय में 22 प्रतिशत का ही अंतर है. गोवा सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला राज्य रहा, जहां यह अंतर केवल 8 प्रतिशत पाया गया.

ग्रामीण और शहरी भारत में फर्क 

ग्रामीण भारत में 15 से 59 वर्ष की आयु का एक व्यक्ति औसतन 424 मिनट काम से जुड़ी गतिविधियों में लगाता है, जबकि शहरी इलाकों में यह समय बढ़कर 494 मिनट हो जाता है. इससे स्पष्ट होता है कि शहरी भारत में कार्यभार अपेक्षाकृत अधिक है.

यह रिपोर्ट न सिर्फ कार्य समय की स्थिति को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि भारत में अभी भी लैंगिक असमानता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. वहीं, दिल्ली जैसे महानगरों में अत्यधिक काम का बोझ वर्क-लाइफ बैलेंस को प्रभावित कर सकता है, जिस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.