Delhi Pollution: GRAP-3 हटाते ही बिगड़ी दिल्ली की हवा, कुछ घंटों में AQI बढ़ गया इतना
Representational Image | PTI

दिल्ली की हवा एक बार फिर दमघोंटू हो गई है. GRAP-III प्रतिबंध हटे कुछ ही घंटे हुए थे कि राजधानी की हवा “बहुत खराब” श्रेणी में आ गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की 4 बजे की बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली का AQI 327 से उछलकर 377 पर जा पहुंचा, जो बेहद चिंताजनक है. दिल्ली में 6 नवंबर से हर दिन AQI 300 से ऊपर बना हुआ है. “बहुत खराब” श्रेणी में फंसी हवा राजधानी के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को प्रदूषण रोकने के लिए किसी भी “प्रो-एक्टिव कदम” की अनुमति भी दी थी.

इसके बावजूद बुधवार शाम को GRAP के तीसरे चरण (GRAP-III) को हटाकर स्थिति को फिर से चरण II में लाया गया. लेकिन इस फैसले के कुछ ही घंटों में हवा की गुणवत्ता बुरी तरह गिर गई.

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GRAP-III हटाने के पीछे क्या था तर्क?

दिल्ली पर्यावरण मंत्री के कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि GRAP लागू करने का निर्णय दिल्ली सरकार नहीं, बल्कि CPCB, IMD और दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान की प्रदूषण नियंत्रण इकाइयां मिलकर लेती हैं.

अधिकारी के अनुसार, “दिल्ली का AQI बीते रविवार से लगातार सुधर रहा था, इसलिए चरण III हटाने का फैसला लिया गया.” बुधवार सुबह AQI 350 से नीचे आया, जिससे GRAP-III हटाना तकनीकी रूप से संभव हो गया.

जब प्रदूषण इतना ज्यादा था तो GRAP-III हटाया क्यों?

यह सवाल सबसे बड़ा है. और इसका जवाब भी तकनीकी है. CAQM का निर्णय एक तय फार्मूले पर आधारित होता है: GRAP-III तभी लागू होता है जब AQI 400 पार करे, या प्रोजेक्शन दिखाए कि हवा ‘गंभीर’ स्तर (401+) में जा सकती है.

मौसम विभाग और CAQM के मॉडल्स ने अनुमान लगाया था कि आने वाले दिनों में हवा ‘बहुत खराब’ रहेगी लेकिन ‘गंभीर’ स्तर यानी 400 से अधिक तक नहीं जाएगी, क्योंकि हवा की गति में हल्का सुधार और प्रदूषकों के फैलाव में बढ़ोतरी होने वाली थी. इसी के आधार पर GRAP-III हटाया गया.

दिल्ली की हवा क्यों नहीं सुधर रही?

दिल्ली का AQI 8 नवंबर को 350 पार कर गया था. इसके बाद 11 नवंबर को 400 पार होने पर GRAP-III लागू हुआ. हालांकि प्रदूषण 13 नवंबर तक ही ‘गंभीर’ स्तर पर था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 2024 के आदेश के तहत AQI 350 से ऊपर रहने पर भी Stage-III जारी रखा जा सकता है.

लेकिन जैसे ही 26 नवंबर को AQI 350 से नीचे गया, इस चरण को हटा दिया गया. हालांकि हवा में व्यावहारिक रूप से कोई खास सुधार नहीं हुआ था.