Caste Based Census: मार्च 2027 से शुरू होगी जातीय जनगणना, दो चरणों पूरा करने की तैयारी; जानिए क्या होगा खास
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Caste Based Census: भारत सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 1 मार्च 2027 से देशभर में पहली डिजिटल और जाति आधारित जनगणना शुरू करने की घोषणा की है. यह कदम भारतीय जनगणना के इतिहास में बड़ा बदलाव माना जा रहा है, क्योंकि पहली बार जाति आधारित आंकड़ों को आधिकारिक रूप से संकलित किया जाएगा. इससे पहले यह जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था.

हालांकि पूरे देश में जनगणना मार्च 2027 से शुरू होगी, लेकिन लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे विशेष क्षेत्रों में यह प्रक्रिया अक्टूबर 2026 से ही शुरू कर दी जाएगी. इन क्षेत्रों की भौगोलिक और मौसमी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है.

दो चरणों में होगी जनगणना

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी. पहले चरण में मकानों और परिवारों की जानकारी जुटाई जाएगी और दूसरे चरण में व्यक्तिगत जानकारी जैसे उम्र, लिंग, धर्म, शिक्षा, रोजगार, और इस बार जाति की जानकारी भी शामिल की जाएगी.

पहली बार मोबाइल ऐप और पोर्टल का उपयोग

जनगणना 2027 में पूरी तरह से डिजिटल प्रणाली का उपयोग किया जाएगा. डेटा संग्रह के लिए एक मोबाइल ऐप और निगरानी के लिए एक विशेष जनगणना पोर्टल पहले से तैयार किया जा चुका है. इसके जरिए आंकड़ों की निगरानी, संग्रहण और विश्लेषण को आसान और तेज बनाया जाएगा.

क्यों जरूरी है जाति आधारित जनगणना?

जाति आधारित जनगणना से सरकार को सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को बेहतर तरीके से समझने और योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी. इससे यह भी पता चलेगा कि कौन सी जातियां किन क्षेत्रों में पिछड़ी हुई हैं और उन्हें किन योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं. यह नीतिगत निर्णयों और आरक्षण की समीक्षा के लिए अहम डेटा प्रदान करेगा.

पहले कौन-कौन से राज्य कर चुके हैं जाति सर्वे?

हाल के वर्षों में बिहार, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश ने अपने-अपने स्तर पर जाति सर्वेक्षण कराया है. वहीं, कर्नाटक सरकार 2015 में किए गए अपने जातिगत सर्वेक्षण का डेटा सार्वजनिक करने पर विचार कर रही है.

क्यों हुआ था 2021 की जनगणना स्थगित?

भारत की जनगणना हर 10 साल में होती है और पहली बार 1881 में हुई थी. 2021 में प्रस्तावित जनगणना को कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था. यह पहली बार हुआ जब जनगणना को रोका गया.

क्या है जनगणना का महत्व?

जनगणना सरकार के लिए सबसे बड़ा आंकड़ा स्रोत होती है. इससे न केवल नीतियां बनाने में मदद मिलती है, बल्कि चुनावी क्षेत्रों का परिसीमन, संसदीय प्रतिनिधित्व का वितरण, और बजट आवंटन जैसे कई अहम फैसले इसी डेटा के आधार पर लिए जाते हैं.