हमारे देश में शादी सबसे बड़ा सेलिब्रेशन है और जब बात हो पंजाब की तो कहना ही क्या है. राज मेहता द्वारा डायरेक्टेड जुग जुग जीयो, शादी और तलाक पर बेस्ड है. पर इस जर्नी में मजा बहुत आने वाला है, क्योंकि पंजाबी वेडिंग हो और पटियाला पैग न लगें ऐसा कैसे हो सकता है. फिल्म के ट्रेलर में ही झलक देखने को मिल गई थी कि फिल्म काफी कलरफुल होने वाली है, अब इसका नतीजा सामने है. फिल्म सच में बेहद कलरफुल और एंटरटेनिंग है, जो आपको आखिर तक बांधे रखेगी. फिल्म में जहां वरुण धवन और कियारा आडवाणी की जोड़ी परफेक्ट नजर आती है, तो वहीं अनिल कपूर अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग और फ्रेश ऐक्टिंग से फिल्म की जान बनते नजर आए हैं. फिल्म में उनका किरदार बखूबी तरीके से उभरकर सामने आया है.
फिल्म शुरू होती है स्कूल के दिनों से जहां कुकू (वरुण धवन), नैना (कियारा आडवाणी) को पेट पर मुझसे शादी करोगी? लिखकर प्रपोज करता है और देखते ही देखते पंजाबी तड़के के साथ शादी पूरी हो जाती है. शादी के 5 साल पूरे हो गए दोनों कनाडा में एक साथ तो रह रहे हैं पर रिश्ता तलाक तक आ पहुंचा है. पर यह निर्णय होता है कि गिन्नी (प्राजक्ता कोली) जो कि कीकू की बहन उसकी शादी तक दोनों एक अच्छे कपल की तरह बर्ताव करेंगे. पर इनका सच सामने आए उससे पहले परिवार में एक और तलाक होने की नौबत पर है. इसके बाद कहानी इन्ही रिश्तों के इर्द गिर्द घूमती है. कभी इमोशन्स भारी पड़ते हैं, तो आंखें नम हो उठती हैं तो कभी वन लाइनर्स सुन हंसी छूट जाती है.
राज मेहता की गुड न्यूज के बाद यह दूसरी फिल्म है. उनका डायरेक्शन पहले से भी बेहतर हुआ है, जिसका असर कियारा आडवाणी की ऐक्टिंग में भी नजर आया. राज ने 35 साल के रिश्ते और 5 साल के रिश्ते को एक पायदान में लाकर खड़ा किया जो उनकी खूबी को दर्शाता है. फिल्म के वन लाइनर्स और डायलॉग आपको पसंद आने वाले हैं, जिसका क्रेडिट राइटिंग को जाता है.
कियारा अपने कैरेक्टर में परफेक्ट बैठी हैं तो वहीं वरुण धवन ने भी एक बेटा और पति का किरदार बखूबी निभाया. अनिल कपूर की कॉमिक टाइमिंग कमाल की है. फिल्म में उनका किरदार उभरकर सामने आया है। नीतू कपूर लंबे वक्त के बाद स्क्रीन पर नजर आईं हैं, पर कियारा के साथ उनका इमोशनल सीन और वार्तालाप दिखाता है, एक अच्छा एक्टर चाहे कितने भी टाइम बाद आए उसकी ऐक्टिंग में उतना ही निखार आता है. मनीष पॉल ने वरुण के फ्रैंड और कियारा के भाई का किरदार प्ले किया है. जिसे उन्होंने पंजाबी लहजे में डूबकर बखूबी निभाया है. उनकी फिल्म में जब जब एंट्री होती है आपकी हंसी निकालना पक्का है. प्राजक्ता कोली ने इस फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया. भले उनके पास ज्यादा करने के लिए कुछ नहीं था पर कैरेक्टर सेंटर में है. इसलिए वे इसे अपना परफेक्ट डेब्यू मान सकती हैं.
फिल्म का म्यूजिक तगड़ा है, 10 मिनट बाद आपके पैर पंजाबी धुन में झूमने लग जाएंगे. सेकंड हाफ में नाच पंजाबन एक नई फ्रेशनेस देने का काम करता है. यह गाना शादियों के लिए तो पक्का हो गया है.
फिल्म में हर चेहरा खुबसूरत दिखता है, मेकर्स ने कास्ट के कॉस्ट्यूम का खास ध्यान रखा है. फिल्म देखते-देखते आपको लगेगा कि जब में किसी की शादी में जाऊंगा तो यही वाला ड्रेस पहनूंगा, ऐसा ही बनवाऊंगा.
फिल्म के कुछ ड्रॉबैक भी हैं, जैसे भाई-बहन और बाप-बेटे के बीच बोल्ड कन्वर्सेशन, जो मिडल क्लास ऑडियंस को थोड़ा अनकंफर्टेबल कर सकता है. वहीं फिल्म की कहानी कहीं-कहीं पर प्रिडिक्टेबल हो जाती है. बावजूद इसके फिल्म आपको एंटरटेन करने में सफल रहेगी और आप हंसते हुए ऑडी से बाहर निकलेंगे.