इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) को विश्व के शीर्ष आतंकवाद रोधी निगरानी समूह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से झटका लगा है. एफएटीएफ ने पाक को फरवरी 2021 तक 'ग्रे लिस्ट' में बरकरार रखा है. यानि की इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार वैश्विक धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में असफल साबित हुई है. पेरिस स्थित एफएटीएफ की आतंक के खिलाफ 27 सूत्रीय एजेंडे को पाक सरकार पूरा करने में फिर फेल हो गई है.
पहले से ही गंभीर आर्थिक और वित्तीय संकट से जूझ रहा पाकिस्तान 2018 से ही ग्रे लिस्ट में बना हुआ है. परिणामस्वरूप उसे आर्थिक तौर पर बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है. ग्रे सूची में होने के कारण पहले से ही कर्ज में डूबे इस्लामिक रिपब्लिक को अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से वित्तीय सहायता आसानी से नहीं मिल पायेगी. साथ ही विदेशी निवेश पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा. परिणामस्वरूप इमरान खान के लिए खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए नया कर्ज मांगना और भी मुश्किल हो जायेगा.
Pakistan completed 21 of 27 items, it definitely means that world has become safer. But the 6 outstanding items are very serious deficiencies that still have to be repaired, risks haven't gone. Pakistan govt must do its best to work on these 6 items: Marcus Pleyer, FATF president https://t.co/YSV3qHfFKp pic.twitter.com/hv92pYx85H
— ANI (@ANI) October 23, 2020
एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने पेरिस से एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पाकिस्तान निगरानी सूची या ग्रे सूची में बना रहेगा.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए कुल 27 कार्ययोजनाओं में से छह को पूरा करने में अब तक विफल रहा है और इसके परिणामस्वरूप यह देश एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना रहेगा.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंक के वित्तपोषण में शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और मुकदमा चलाना चाहिए. एफएटीएफ के प्रमुख ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है.’’
उल्लेखनीय है कि भारत कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से परोसा जा रहा सीमा पार आतंकवाद और 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड और योजनाकारों के खिलाफ निष्क्रियता के खिलाफ लगातार विरोध जताता रहा है. प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन और उनके प्रमुख हाफिज सईद, मसूद अजहर और सैयद सलाहुद्दीन को पाकिस्तान में संरक्षण प्राप्त है. इस साल की शुरूआत में जारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों आतंकवादी समूह अफगानिस्तान में अल कायदा और तालिबान के साथ सहयोग कर रहे हैं. इस वजह से भारत ने भी गुरुवार को पाकिस्तान पर प्रतिबंध जारी रखने की सिफारिश की थी.