
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रसेल्स में एक इंटरव्यू के दौरान पाहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया को सख्त संदेश दिया. उन्होंने कहा, "यह केवल भारत-पाकिस्तान का मसला नहीं है, यह आतंकवाद का मुद्दा है और यही आतंकवाद एक दिन दुनिया को भी परेशान करेगा." जयशंकर ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, "सोचिए, ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकी को पाकिस्तान की सेना के गढ़, एबटाबाद में, सालों तक रहने में डर क्यों नहीं लगा?" उन्होंने यह भी कहा कि यह सवाल पूरी दुनिया को खुद से पूछना चाहिए कि ऐसे आतंकवादी आखिर पाकिस्तान में ही क्यों सुरक्षित महसूस करते हैं.
एस जयशंकर ने कहा, भारत की आजादी के कुछ महीनों बाद ही पाकिस्तान ने कश्मीर में हमला किया था. "तब जिन देशों ने इस आक्रमण पर आंखें मूंद ली थीं, आज वही अगर अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों की बात करते हैं तो उन्हें अपने अतीत को भी देखना चाहिए."
भारत पर दुनिया का बढ़ता भरोसा
जयशंकर ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन और विदेश मामलों की प्रमुख काजा कैलास से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा, "भारत 1.4 अरब की आबादी के साथ कुशल श्रम और भरोसेमंद साझेदारी प्रदान करता है, जो चीन से कहीं बेहतर है. कई यूरोपीय कंपनियां अब भारत को अपने डेटा और सप्लाई चेन के लिए सुरक्षित ठिकाना मानती हैं."
"यूक्रेन-रूस युद्ध में हम तटस्थ नहीं, व्यावहारिक हैं"
भारत पर रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में शामिल न होने की आलोचना के जवाब में जयशंकर ने कहा, "हम केवल रूस नहीं, यूक्रेन के भी अच्छे मित्र हैं. हम युद्ध से हल निकालने में विश्वास नहीं करते, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम इससे जुड़े नहीं हैं. हम केवल नैतिक भाषण नहीं देते, हम संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हैं."