Ahmedabad Plane Crash: क्या डबल इंजन फेल होने से क्रैश हुआ Air India का विमान? PIB ने बताया सच
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Ahmedabad Plane Crash: 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भीषण हादसे में फ्लाइट में मौजूद 241 लोगों की जान चली गई, ग्राउंड पर मौजूद अन्य हताहतों की संख्या के साथ यह आंकड़ा 270 तक पहुंच गया. इस दुखद हादसे के कुछ ही दिनों बाद सोशल मीडिया, खासकर व्हाट्सएप पर एक रिपोर्ट तेजी से वायरल होने लगी, जिसमें दावा किया गया कि विमान का "डबल इंजन फेल" हो गया था और यह हादसे की मुख्य वजह बनी.

प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेक इकाई ने इस वायरल रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है. PIB ने साफ कहा है कि एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की ओर से अभी कोई अंतिम रिपोर्ट जारी नहीं हुई है और व्हाट्सएप पर फैल रही जानकारी पूरी तरह भ्रामक और फर्जी है.

PIB ने बताई 'फर्जी रिपोर्ट'

व्हाट्सएप फॉरवर्ड में क्या-क्या झूठ?

वायरल पोस्ट में दावा किया गया कि विमान हीथ्रो एयरपोर्ट जा रहा था, जबकि सच्चाई यह है कि फ्लाइट लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई थी. पोस्ट में 243 लोगों के सवार होने का दावा किया गया, जबकि एयर इंडिया की आधिकारिक जानकारी के अनुसार 242 लोग विमान में सवार थे. जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य शामिल थे.

जांच अब भी जारी, ब्लैक बॉक्स बरामद

इस भीषण हादसे की जांच के लिए AAIB के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और बोइंग कंपनी के विशेषज्ञ भी जांच में शामिल हो चुके हैं. फ्लाइट के दोनों ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिए गए हैं. एक में वॉइस रिकॉर्डर है और दूसरे में फ्लाइट डेटा. इनसे यह जानकारी मिलने की उम्मीद है कि क्रैश से पहले विमान में क्या तकनीकी दिक्कतें आईं.

हादसे की भयावहता: जमीनी नुकसान भी बड़ा

AI-171 फ्लाइट ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, लेकिन टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही यह बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास पर गिर गया. हादसे में विमान के 241 लोगों की जान गई, और जमीन पर मौजूद 29 लोग भी इसकी चपेट में आ गए. कुल मिलाकर 270 मौतें इस त्रासदी में हुईं. एकमात्र जीवित बचने वाला व्यक्ति एक 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक था, जो आपातकालीन दरवाजे के पास बैठा था.

जबकि हादसा देश को झकझोर देने वाला था, लेकिन यह जरूरी है कि सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर यकीन न किया जाए. किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले एजेंसियों की रिपोर्ट का इंतजार किया जाना चाहिए.