देश के लिए पहला राफेल विमान (Rafale Jet) लाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के फ्रांस जाने और शस्त्र पूजा (Shastra Puja) की थी. पूजा के दौरान राफेल पर ॐ लिखने, नारियल चढ़ाने और पहियों के नीचे नींबू रखा गया था. जिसके बाद से कांग्रेस कुछ नेता समेत कई लोगों तंज कसा था. लेकिन इसी बीच भारत की आलोचना करने वाला पाकिस्तान राजनाथ सिंह द्वारा किए गए पूजा का खुलकर समर्थन किया है. पाकिस्तान आर्मी (Pakistan Army) के प्रवक्ता आसिफ गफूर (Asif Ghafoor) ने ट्वीट कर लिखा कि राफेल पूजा में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि यह धर्म के मान्यताओं के मुताबिक है. गुरुवार को आसिफ गफूर ने ट्वीट कर कहा कि कृपया याद रखें... यह अकेली मशीन नहीं जो मायने रखती है असल में उस मशीन को संभालने वाले व्यक्ति की क्षमता, जुनून और संकल्प मायने रखता है. इस दौरान उन्होंने शाहीन का जिक्र करते उसपर गर्व महसूस होने की बात भी कही.
Nothing wrong in #RafalePuja as it goes by the religion and that must be respected.
Please remember....it’s not the machine alone which matters but competence, passion & resolve of the men handling that machine.
Proud of our PAF Shaheens.#PAFtheMenAtTheirBest
— Asif Ghafoor (@peaceforchange) October 10, 2019
बता दें कि कांग्रेस नेताओं ने पहला राफेल लड़ाकू विमान प्राप्त करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा और राफेल विमान पर उनके शस्त्र पूजन को बुधवार को तमाशा करार दिया था और बीजेपी पर रक्षा खरीद को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया था. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा था, यह नाटकों की सरकार है. आप फ्रांस जाकर पूजा कर रहे हैं. क्या राफेल विमान भारत नहीं आने वाला था? आप दूसरे देश में जाकर यह सब तमाशा कर रहे हैं. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि वह पूजा की बात नहीं कर रहे बल्कि इस बात पर सवाल खड़ा कर रहे हैं कि राफेल विमान की आपूर्ति और अन्य तकनीकी मामलों में नेता क्यों शामिल हो रहे हैं.
वहीं कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने राफेल पूजा का समर्थन किया था. निरुपम ने कहा था मैं जानता हूं कि मल्लिकार्जुन खड़गे जी नास्तिक हैं. वह प्रार्थना, पूजा में विश्वास नहीं करते. लेकिन उनकी तरह कांग्रेस में सभी लोग नास्तिक नहीं हैं. निरूपम ने कहा था, पूरे देश में एक प्रतिशत लोग नास्तिक हैं लेकिन बाकी सभी पूजा प्रार्थना में भरोसा रखते हैं और इसलिए नास्तिकों को अपने विचारों को पार्टी और समाज पर नहीं थोपना चाहिए. उन्होंने साफ किया कि वह शस्त्र पूजा का समर्थन कर रहे हैं.
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रक्षामंत्री राजनाथ सिह ने दशहरा के अवसर पर मंगलवार को 36 राफेल विमानों में से प्रथम विमान को औपचारिक रूप से प्राप्त कर लिया. लड़ाकू विमान राफेल, विमान के विनिर्माता दसॉ एविएशन के स्थल मेरिगनाक में सुपूर्द किया गया. जिसके बाद विमान प्राप्त करने के बाद सिंह ने पारंपरिक शस्त्र पूजा की, जिसके बाद रक्षामंत्री इस दो सीट वाले लड़ाकू विमान में उड़ान भरा.
गौरतलब हो कि भारत ने करीब 59 हजार करोड़ रुपये मूल्य पर 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता किया था. यह विमान बड़ी मात्रा में शक्तिशाली हथियार और मिसाइल ले जाने में सक्षम हैं. दरअसल, साल 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई तो उन्होंने वायुसेना को और ताकतवर बनाने की दिशा में काम किया और 2016 में फ्रांस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने राफेल डील साइन किया था, 36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिये जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक सौंपे जाने की उम्मीद है.