काठमांडू: नेपाल (Nepal) में भारतीय समाचार चैनलों के लिए सिग्नल बंद कर दिए गए हैं. फिलहाल नेपाल के केबल टीवी ऑपरेटरों को इस संबंध में कोई अधिकारिक आदेश मिलने की सूचना नहीं है. लेकिन भारत और नेपाल के रिश्तों में आए तनाव के बीच ओली सरकार ने यह फैसला ले लिया है. और नेपाल में भारतीय न्यूज चैनलों का प्रसारण रुक चुका है.
नेपाल के पूर्व उप-प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ (Narayan Kaji Shrestha) ने आरोप लगाया कि भारतीय मीडिया सारी हदें पार कर नेपाल सरकार और नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma oli) के खिलाफ आधारहीन प्रोपेगेंडा चला रही है. नेपाल ने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना बताते हुए संविधान में शामिल किया विवादित नक्शा, भारत से तनाव बढ़ना तय
Nepali Cable TV providers tell ANI, signals for Indian news channels have been switched off in the country. No official government order of the same till now.
— ANI (@ANI) July 9, 2020
भारत और नेपाल के बीच रिश्तों में उस वक्त तनाव पैदा हो गया था, जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आठ मई को उत्तराखंड में धारचूला और लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाले, 80 किलोमीटर लंबे, रणनीतिक रूप से अहम मार्ग का उद्घाटन किये जाने पर नेपाल ने आपत्ति जताई. और दोनों देशों के बीच रिश्ते में तनाव आ गया. नेपाल का दावा है कि यह राजमार्ग उसके क्षेत्र से गुजरता है. हालांकि भारत ने नेपाल के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह रोड पूरी तरह से भारत की सीमा में है.
दरअसल, चीन हिमालयी राष्ट्र में अपने प्रभाव का विस्तार करने के लिए कथित तौर पर इसे अपने जाल में फंसा रहा है. जानकारों का कहना है कि इसी का नतीजा भारत और नेपाल के बीच उभरा सीमा विवाद भी है. हालांकि भारत पड़ोसी देश के हर घटनाक्रम पर करीब से नजर बनाए हुए है.