काठमांडू: नेपाल (Nepal) की संसद के विशेष सत्र में शनिवार को विवादित नक्शे को संविधान में शामिल करने का बिल पास हो गया है. इस नए नक्शे में नेपाल ने भारतीय सीमा से लगे लिपुलेख (Lipulekh), कालापानी (Kalapani) और लिंपियाधुरा (Limpiyadhura) जैसे रणनीतिक क्षेत्र को अपना बताया है. नेपाल के इस कदम से भारत के साथ तनाव बढ़ने की संभावनाएं बढ़ गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) की सरकार द्वारा देश के संसद में राजनीतिक नक्शे को संशोधित करने से संबंधित महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन विधेयक को पेश किया गया था. जिस पर चर्चा पूरी होने के बाद वोटिंग हुई और सदन में विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया. नए नक्शे को शामिल करने के लिए ओली सरकार को विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी का समर्थन हासिल था. बिहार: भारत-नेपाल सीमा पर गोलीबारी, 1 भारतीय की मौत और 2 घायल
Nepal’s Parliament passes amendment to include the new map which includes Kalapani, Lipulekh and Limpiyadhura in the Constitution of Nepal. pic.twitter.com/ZnDR6F2boi
— ANI (@ANI) June 13, 2020
उल्लेखनीय है कि नेपाल ने भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिमपियाधुरा पर दावा करते हुए नया मानचित्र जारी किया है. जिससे दोनों देशों के बीच सीमा विवाद गहरा गया. जिसके बाद भारत ने सख्त लहजे में नेपाल से क्षेत्रीय दावे के ‘कृत्रिम विस्तार’ का रूख नहीं अख्तियार नहीं करने को कहा था. इस वर्ष लिपुलेख मार्ग से चीन के साथ सीमा व्यापार नहीं करेंगे उत्तराखंड के स्थानीय लोग
उल्लेखनीय है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आठ मई को उत्तराखंड में धारचूला और लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाले, 80 किलोमीटर लंबे, रणनीतिक रूप से अहम मार्ग का उद्घाटन किये जाने पर नेपाल ने आपत्ति जताई. और दोनों देशों के बीच रिश्ते में तनाव आ गया. नेपाल का दावा है कि यह राजमार्ग उसके क्षेत्र से गुजरता है. हालांकि भारत ने नेपाल के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह रोड पूरी तरह से भारत की सीमा में है.