
नई दिल्ली: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एक बड़े जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. यह नेटवर्क पश्चिम एशिया से लेकर नेपाल और भारत तक फैला हुआ था. इसका खुलासा इस साल की शुरुआत में एक नेपाली नागरिक की गिरफ्तारी के बाद हुआ. यह घटना बताती है कि ISI अब भारत में जासूसी के लिए नए और गैर-पारंपरिक तरीके अपना रही है.
दिल्ली में ऐसे बिछाया गया जाल
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 14 फरवरी की रात को पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर इलाके में जाल बिछाकर अंसारुल मियां अंसारी नाम के एक नेपाली नागरिक को गिरफ्तार किया. अंसारी उस वक्त एक पैकेज देने की फिराक में था. जब उसे पकड़ा गया, तो उसके पास से एक लैपटॉप, प्रिंटर, सेना के कई खुफिया दस्तावेज़ और सेना की ट्रेनिंग से जुड़ी एक गोपनीय किताब बरामद हुई.
एक बेहद संवेदनशील जानकारी वाली सीडी (Compact Disc) भी थी, जिसे अंसारी ने पकड़े जाने से ठीक पहले तोड़कर टॉयलेट में फ्लश कर दिया था. पुलिस को शक है कि उसने सबूत मिटाने के लिए ऐसा किया.
कौन है यह जासूस?
पूछताछ में पता चला कि नेपाल का रहने वाला अंसारी 2008 से ISI के लिए काम कर रहा था. उसे "यासिर" नाम का एक पाकिस्तानी हैंडलर व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के जरिए निर्देश देता था.
अंसारी ने बताया कि वह अक्सर नेपाल के रास्ते बिना किसी खास जांच के भारत में घुस जाता था. भारत में आने के बाद, वह अपने संपर्क के लोगों से मिलता था, जो उसे खुफिया जानकारी हार्ड कॉपी या डिजिटल रूप में देते थे.
नेटवर्क में और भी लोग शामिल
इस जासूसी के खेल में कम से कम दो और लोगों के नाम सामने आए हैं.
- पिंटू: यह दिल्ली में कूरियर का काम करता था और अंसारी को खुफिया जानकारी वाली सीडी पहुंचाता था.
- अखलाक आजम: झारखंड का रहने वाला यह शख्स अंसारी को भारत में रहने, छिपने और दूसरी तरह की मदद मुहैया कराता था.
सुरक्षा एजेंसियां इन दोनों से भी पूछताछ कर रही हैं. अखलाक के फोन से पाकिस्तानी नंबरों पर लगातार बातचीत के सबूत मिले हैं.
क्या सबूत मिले?
अंसारी के फोन की जांच करने पर पाकिस्तान के नंबरों के साथ की गई व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्ड्स और सेना की तैनाती से जुड़े नक्शे मिले हैं. यह जानकारी इतनी संवेदनशील थी कि इसे सेना की खुफिया एजेंसी (DGMI) को जांच के लिए भेजा गया. सूत्रों के मुताबिक, लीक हुई जानकारी में भारतीय सैनिकों की तैनाती और शहरी युद्ध की रणनीतियों से जुड़े दस्तावेज़ शामिल हैं.
ISI की बदलती रणनीति
खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह घटना दिखाती है कि ISI ने अपनी जासूसी का तरीका बदल दिया है. पहले पाकिस्तान सीमा पार से घुसपैठियों को भेजकर जासूसी कराता था. लेकिन अब वह नेपाल और पश्चिम एशियाई देशों के ऐसे विदेशी नागरिकों को भर्ती कर रहा है, जो आसानी से और बिना किसी शक के सीमा पार आ-जा सकते हैं.
अंसारी की गिरफ्तारी कोई अकेली घटना नहीं है. पिछले कुछ हफ्तों में, एजेंसियों ने राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पंजाब से लगभग 15 लोगों को पकड़ा है, जिन पर पाकिस्तानी हैंडलर्स को खुफिया जानकारी देने का शक है.