
Vastu Tips: वास्तु नियमों की सिद्धांतों के अनुसार आपका घर छोटा हो या बड़ा, उसकी पहली जरूरत घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होती है, यह सब घर की बनावट और उसके रखरखाव अथवा साज-सज्जा पर काफी कुछ निर्भर करता है. वास्तु नियमों के अनुसार जिस घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर लेती है, वहां बीमारियां, आर्थिक विपन्नता असफलता और नुकसान ही होता है. नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का एक ही उपाय है, कि आप घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए वास्तु नियमों का गंभीरता से पालन करें. यहां कुछ ऐसे ही वास्तु टिप्स बताये जा रहे हैं, जिनका पालन करके आप घर-परिवार में सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्यता का प्रवाह बनाये रख सकते हैं. यह भी पढ़ें: Vastu Tips Your Home: घर को सुपरचार्ज करने वाले कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स!
साफ-सफाई और सुव्यवस्था: घर में गंदगी और अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है. टूटे-फूटे सामान, बंद घड़ियां, फ्यूज बल्ब, टूटे कांच, खंडित मूर्तियों को तुरंत हटा दें.
तुलसी का पौधा: घर के उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में तुलसी के पौधे को लगाएं. रोज सुबह तुलसी में जल अर्पित करें, यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है. वास्तु के अनुसार जिस घर में तुलसी का पौधा हरा-भरा रहता है, उस घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं कर पाती.
मुख्य द्वार की सजावट: घर के मुख्यद्वार को हमेशा साफ-सुथरा रखें. कोशिश करें प्रतिदिन घर के बाहर सुंदर सी रंगोली बनाएं, द्वार को दोनों तरफ स्वस्तिक, ॐ या शुभ-लाभ का चिह्न बनाएं. इसके अलावा दरवाज़े पर घंटी या विंड चाइम लगाने से भी सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह घर की ओर बना रहता है. यह भी पढ़ें: Vastu Tips: आप चाहते हैं कि आपकी तिजोरी हमेशा भरी रहे तो अपनाएं ये पांच आसान वास्तु टिप्स!
धूप-दीप और सुगंधित वस्तुएं: घर में प्रतिदिन सुबह-शाम धूप, दीप जलाएं. लोबान और कपूर जलाने से वातावरण शुद्ध रहता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
शंख और घंटी की ध्वनि: पूजा के समय नियमित रूप से शंख और घंटी अवश्य बजाएं. इनकी ध्वनि से घर में अगर नकारात्मक रहता है, तो वह दूर हो जाती है.
दर्पण का सही प्रयोग: आईना अथवा दर्पण को कभी भी बेडरूम में पलंग के ठीक सामने न लगाएं. अगर कोई गुंजाइश नहीं हो रहा है, तो दर्पण पर पर्दा लगाकर रखें. विशेषकर जब आप सोकर उठें तो दर्पण पर आपकी पहली नजर नहीं पड़नी चाहिए. बेहतर होगा बेडरूम में उत्तर या पूर्व दिशा में दर्पण लगाएं.
जल तत्व का संतुलन: घर में फव्वारा, एक्वेरियम या पानी से जुड़ी कोई सजावट उत्तर-पूर्व दिशा में ही रखें. घर में किसी भी स्थान पर गंदा पानी रुकना नहीं चाहिए, इससे नकारात्मक शक्तियां बढ़ती है.
भारी वस्तुएं सही दिशा में रखें: दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी फर्नीचर और तिजोरी रखें, इससे स्थिरता और सुरक्षा बनी रहती है.
पवित्र प्रतीकों और मंत्रों का उपयोग: दीवारों पर ‘ॐ’, ‘स्वस्तिक’, और ‘श्री’ जैसे शुभ प्रतीकों या मंत्रों की चित्रकारी करें. ‘महा मृत्युंजय मंत्र’ या ‘गायत्री मंत्र’ का नियमित जप करें.
सूरज की रोशनी: घर में प्राकृतिक रोशनी और ताजा हवा का आवागमन जरूर होना चाहिए. खिड़कियां नियमित रूप से खोलें, घर ऐसा होना चाहिए, जहां कुछ घंटे सूर्य की सीधी रोशनी जरूर आये. इसके साथ ही घर के पर्दे और चादर स्वच्छ रखना चाहिए.