
हमारा घर हमारे जीवन के सुख, शांति और समृद्धि का आधार होता है. इसलिए बहुत जरूरी है, कि जिस घर में आप अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारते हैं, वहां ऊर्जा का भरपूर संचार हो, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि घर का निर्माण, साज-सज्जा एवं रखरखाव आदि वास्तु के अनुरूप हो. वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाए, तो न केवल घर में ऊर्जा का संचार होगा, बल्कि सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य भी बना रहता है. यहां कुछ ऐसे ही टिप्स दिये जा रहे हैं, जिसे अपना कर आप घर को सुपर-चार्ज करने में सहायक हो सकता है.
घर को सुपरचार्ज प्रवाह बनाने हेतु महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स:
घर का मुख्य द्वार
यह सबसे महत्वपूर्ण है, कि आप घर का मुख्य द्वारा साफ़, रोशनीदार और सजाकर रखें. दरवाज़े पर स्वस्तिक, ऊँ या शुभ-लाभ जैसे शुभ चिह्न लगाएँ. मुख्य द्वार उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना श्रेष्ठ माना जाता है. यह भी पढ़ें : Summer Effect: तेज गर्मी से बढ़ा डिहाइड्रेशन का खतरा, मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत का हुआ इजाफा
पूजा स्थान
पूजा कक्ष उत्तर-पूर्व दिशा में सर्वश्रेष्ठ होता है. भगवान की मूर्तियां उत्तर या पूर्व की ओर रखें, और पूजा करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो.
रसोईघर
आपका रसोई घर यानी किचन दक्षिण-पूर्व दिशा यानी अग्नि कोण में होना सबसे उत्तम बताया गया है. खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व की ओर होना चाहिए. गैस और पानी (सिंक) को एक-दूसरे से दूर रखना चाहिए.
बेडरूम
आपका मुख्य बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व की ओर रखें, इससे आपकी सेहत अच्छी रहती है. बेड के नीचे खुला सामान या किसी तरह की गंदगी न रखें, इससे नकारात्मक ऊर्जा पैदा हो सकती है.
लिविंग रूम
घर का लिविंग रूम विशेष रूप से उत्तर दिशा की ओर खुला और हवादार रखें. लिविंग रूम में भारी फर्नीचर दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर रखें, जिससे उत्तर-पूर्व दिशा में ऊर्जा का प्रवाह बना रहे.
पौधे लगाएं
घर में पौधे प्राकृतिक ऊर्जा का संचार करते हैं. विशेष रूप से घर में तुलसी, मनी प्लांट, बैंबू प्लांट या एलोवेरा जैसे पौधे घर की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं. किंतु घर में कांटेदार पौधों (जैसे कैक्टस) को घर के अंदर रखने से बचें.
दर्पण
घर-परिवार में दर्पण यानी आइना आवश्यक वस्तु है, और वास्तु के अनुसार महत्वपूर्ण भी. बेहतर होगा कि आप दर्पण उत्तर या पूर्व दीवार पर लगाएं. बिस्तर के सामने या मुख्य दरवाजे के ठीक सामने दर्पण सही नहीं होगा. इससे बचें.