वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर आप अपने घर में वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको वास्तु के इन 5 नियमों का पालन करना होगा. ऐसा करके आप स्वयं को वित्तीय संकटों से मुक्त कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: Vastu Tips: मंदिर हो या ड्राइंग रूम! इन धातु की मूर्तियों से पड़ता है फर्क! जानें क्या है वास्तु शास्त्र का तर्क!
पैसा अथवा समृद्धि किसे अच्छी नहीं लगती. वास्तु शास्त्र के अनुसार पांच तत्वों अग्नि, जल, पृथ्वी, वायु एवं आकाश ब्रह्माण्डीय ऊर्जा का संयोजन है, किसी घर में यदि उनमें से एक भी तत्व असंतुलित होते हैं तो टनों नकारात्मकता उनके घर में प्रवेश कर जाती है. जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक, शारीरिक एवं पारिवारिक समस्याएं घेरने लगती हैं. ऐसी स्थिति में वास्तु शास्त्र के कुछ मूलभूत नियमों का पालन करके इन नकारात्मक शक्तियों को दूर किया जा सकता है, जिससे घर की आर्थिक, व्यवहारिक एवं पारिवारिक स्थिति सुचारू होती है. घर-परिवार की तमाम आर्थिक समस्याओं को दूर करने हेतु वास्तु शास्त्री पं. रवींद्र पांडेय यहां पांच टिप्स बता रहे हैं.
उत्तर, पूर्व और ईशान कोण में रखें कुबेर यंत्र
हिंदू धर्म ग्रंथों में भगवान कुबेर को धन और समृद्धि का देवता माना जाता है, और उत्तर-पूर्व दिशा को भगवान कुबेर द्वारा शासित बताया जाता है, इसलिए नकारात्मक ऊर्जा वाली जगहों मसलन शौचालय, जूतों के रैक, भारी फर्नीचर वाली वस्तुएं इन स्थानों पर नहीं रखनी चाहिए, अगर पहले से है, तो तुरंत हटा दें. घर के उत्तर-पूर्व कोने को हमेशा अव्यवस्था से मुक्त रखें और सकारात्मक ऊर्जा के लिए इसे खुला रखें. घर के उत्तरी भाग की उत्तरी दीवार की ओर दर्पण अथवा कुबेर यंत्र रखने से नये वित्तीय अवसर बनते हैं.
दक्षिण-पश्चिम में रखें लॉकर और तिजोरी
वास्तु शास्त्र के अनुसार, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपनी तिजोरी को घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में रखें. यहां तक कि सभी आभूषण, धन और महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज, दक्षिण-पश्चिम में अलमारी तथा तिजोरी में रखें. इन चीजों को उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से तिजोरी या अलमारी में रखी कीमती वस्तुएं तेजी से बढ़ती हैं. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर आपने तिजोरी या कीमती वस्तुओं की अलमारी का मुख दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर रखेंगे, तो अनावश्यक खर्चों से तिजोरी खाली होने में समय नहीं लगेगा.
लिविंग रूम को सुव्यवस्थित रखें
आपका लिविंग रूम सुव्यवस्थित, सरल और तनाव मुक्त रहना चाहिए. घर में जो भी साज-सज्जा है, सुचारू रखें. मसलन शो-पीस, फ्लावर पॉट्स, प्रतिमा, तस्वीरें, मेडल्स आदि गिरे-पड़े अथवा टूटे-फूटे नहीं हों. परदे, बिस्तर आदि स्वच्छ और करीने से हों. खिड़कियां-दरवाजे एवं उसके कांच स्वच्छ रखें. अन्न भंडारण व्यवस्थित रखें. घर के अंदर रिश्तों में मधुरता, अच्छी सेहत और वित्तीय व्यवस्था सुचारू होना चाहिए. इसके लिए घर में बहने वाली ऊर्जा जिम्मेदार होते हैं. इसलिए ध्यान रखें कि आपका लिविंग रूम अव्यवस्था मुक्त हो. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करते. आपकी आय के स्त्रोत सुचारु रहते हैं.
अपने मुख्य दरवाजे को मरम्मत से मुक्त रखें!
वास्तु नियमों के अनुसार घर का प्रवेश द्वार, वह विशेष स्थान होता है, जहां से सकारात्मक ऊर्जा, धन एवं समृद्धि को आकर्षित करता है. इसलिए प्रवेश द्वार को हमेशा साफ-सुथरा एवं आकर्षक बनाकर रखना चाहिए. प्रवेश द्वार पर रंगोली एवं तोरण से सुसज्ज रखें, तो आर्थिक रास्ते खुलते हैं. इसके अलावा प्रवेश द्वार में किसी तरह के दोष, मसलन दरवाजे के ताले चालू हालत में हों, कुंडी एवं पूरे दरवाजों में किसी तरह का दरार अथवा टूटा-फूटा ना हो, प्रवेश द्वार के पौधे, विंड चाइम्स अथवा नेम प्लेट सब स्पष्ट पढ़ने योग्य हों.
यहां रखें एक्वेरियम एवं पानी के फव्वारे!
घर की साज-सज्जा के समय घर के भीतर उत्तर-पूर्वी हिस्से में पानी से जुड़ी कोई वस्तु रखने से धन और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह की गति अच्छी बनी रहती है. इन वस्तु में छोटे फव्वारे अथवा छोटे फिश एक्वेरियम बहुत शुभ माने जाते हैं. लेकिन इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि फव्वारा अथवा फिश एक्वेरियम में पानी स्थिर नहीं हो. पानी का यह ठहरा हुआ स्वरूप आपकी आय के अच्छे-खासे स्त्रोत को भी रोक सकता है. यानी फव्वारा चलता हुआ और फिश एक्वेरियम में फिश एवं ऑक्सीजन का प्रवाह निरंतर बने रहना चाहिए.