भारत में दो विभिन्न तिथियों में पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है, पहला ‘हिंदी पत्रकारिता दिवस’ जो हर वर्ष 30 मई को मनाया जाता है और दूसरा ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’, जो 16 नवंबर को मनाया जाता है. गौरतलब है कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारतीय प्रेस परिषद के स्थापना दिवस (16 नवंबर 1966) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. भारतीय प्रेस परिषद ने इसी दिन एक नैतिक प्रहरी के रूप में कार्य शुरू किया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रेस न केवल शक्तिशाली माध्यम से अपेक्षित उच्च मानकों को कायम रखे, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि यह किसी भी बाहरी ताकतों के प्रभाव या खतरों से अप्रभावित रहे. यह पत्रकारों के प्रयासों को सम्मान देने का भी दिन है, जो सत्य को उजागर करने और जन संवाद को आकार देने के लिए समर्पित है. राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर यहां कुछ प्रेरक कोट्स दिये गये हैं, जिसे अपनों को भेजकर राष्ट्रीय प्रेस दिवस को सेलिब्रेट कर सकते हैं. यह भी पढ़ें : Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी व्रत कब रखा जाएगा? जानें इस दिन क्या करें और क्या करने से बचें!
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर कुछ प्रेरक कोट्स और संदेश
* ‘आपको वहीं जाना होगा जहां कहानी है.’ - लेस्टर होल्ट
* ‘पत्रकारिता आपको मार डालेगी, लेकिन जब तक आप इसमें लगे रहेंगे, यह आपको जीवित रखेगी.’ - होरेस ग्रीली
* ‘वह लिखें जो भूलना नहीं चाहिए.’ – इजाबेल अलेंदे
* ‘समाचार वह चीज़ है जिसे कोई दबाना चाहता है; बाकी सब सिर्फ़ विज्ञापन है.’ - लॉर्ड नॉर्थ क्लिफ़
* ‘पत्रकारों को बात करना, लिखना और रचना करना पसंद है, लेकिन इस प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सुनना सीखना है.’ - क्रिस्टन वेल्कर
* ‘प्रेस की स्वतंत्रता न केवल लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोकतंत्र है.’ – वाल्टर क्रॉन्काइट
* ‘पत्रकारिता कभी मौन नहीं रह सकती! यही इसका सबसे बड़ा गुण और सबसे बड़ा दोष है.’ – हेनरी अनातोले ग्रीनवाल्ड
* ‘एक स्वतंत्र प्रेस अच्छी या बुरी हो सकती है, लेकिन, निश्चित रूप से, स्वतंत्रता के बिना, प्रेस कभी भी बुरी ही रहेगी.’ – अल्बर्ट कामू
* ‘कलम तलवार से ज़्यादा शक्तिशाली है.’ – एडवर्ड बुल्वर-लिटन
* ‘मीडिया दुनिया की सबसे शक्तिशाली संस्था है। उनके पास निर्दोष को दोषी और दोषी को निर्दोष बनाने की शक्ति है.’ – मैल्कम
* ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमें दूसरों को अपमानित करने का अधिकार देती है, जबकि विचार की स्वतंत्रता हमें यह विकल्प देती है कि वे अपमानित हों या नहीं.’ - मोकोकोमा मोखो मोआना
* ‘यह प्रेस ही है जो सबसे पहले एक कट्टर और निंदनीय संघर्ष छेड़ती है, और हर उस चीज़ को नष्ट कर देती है जिसे राष्ट्रीय स्वतंत्रता, सांस्कृतिक उत्थान और राष्ट्र की आर्थिक स्वतंत्रता का समर्थक माना जा सकता है.’ - एडोल्फ हिटलर
* ‘एक स्वतंत्र प्रेस, बेशक, अच्छी या बुरी हो सकती है, लेकिन, निश्चित रूप से स्वतंत्रता के बिना, प्रेस कभी भी बुरी ही रहेगी.’ - अल्बर्ट कैमस।
* ‘स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र की आधारशिला है; इसमें कोई संदेह नहीं है.’ - ह्यूग ग्रांट।
* ‘लोकतंत्र में, आपको एक मज़बूत न्यायिक प्रणाली की जरूरत होती है। आपको अभिव्यक्ति की आजादी चाहिए, आपको कला की ज़रूरत है, और आपको एक स्वतंत्र प्रेस की ज़रूरत है.’
- त्रिपी लिवनी।
* ‘इतिहास ने मुझे कलम का विकल्प दिया है.’- गाओ यू













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