Mahatma Jyotiba Phule Quotes: 19वीं शताब्दी के दौर के बेहद प्रेरणादायक नेता और समाज सुधारक थे, ज्योतिबा फुले, जिन्हें महात्मा फुले नाम से जाना जाता है, उन्होंने मौजूदा रीति-रिवाजों एवं सामाजिक परंपराओं को चुनौती देते हुए सामाजिक निष्पक्षता, महिलाओं के अधिकारों एवं उनकी शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए सक्रिय रूप से लड़ाई लड़ी. वह उन व्यक्तियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनें, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, क्योंकि उनके सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं. महात्मा फुले के कुछ कोट्स महिलाओं को सशक्त बनाने और शैक्षिक मूल्यों जैसे मुद्दों के खिलाफ बोलने के लिए भी प्रेरित करेंगे. महात्मा ज्योतिराव फुले की पुण्यतिथि (28 नवंबर) के अवसर पर आइये जानते हैं, ज्योतिबा फुले के ऐसे कुछ विशेष विचारों को, जो उनके क्रांतिकारी विचारों और अटूट ऊर्जा को दर्शाते हैं.
ज्योतिबा फुले के प्रेरक कोट्स
* अगर आप एक आदमी को शिक्षित करते हैं, तो एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं, लेकिन अगर आप एक महिला को शिक्षित करते हैं, तो आप पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं.
* शिक्षा स्त्री-पुरुष की प्राथमिक आवश्यकता है.
* अच्छा कार्य करने के लिए गलत साधनों का प्रयोग न करें.
* दुनिया के रचयिता को किसी खास पत्थर या खास जगह तक कैसे सीमित किया जा सकता है?
* यदि आपका कोई सहयोग करता है तो उससे हरगिज मुंह न मोड़ें.
* स्वार्थ भिन्न-भिन्न रूप धारण करता है, कभी जाति का, कभी धर्म का.
* सच्ची शिक्षा दूसरों को सशक्त बनाने और हमें जो दुनिया मिली थी, उससे थोड़ा बेहतर दुनिया छोड़ने का प्रतीक है.
* आर्थिक असमानता के कारण किसानों का जीवन स्तर गड़बड़ा गया है.
* शिक्षा के बिना बुद्धि नष्ट हो जाती है, समझ के बिना नैतिकता नष्ट हो जाती है, नैतिकता के बिना विकास नष्ट हो जाता है और धन के बिना शूद्र नष्ट हो जाता है. इसलिए शिक्षा महत्वपूर्ण है.
* पृथ्वी पर मौजूद सभी प्राणियों में पुरुष श्रेष्ठ है और मनुष्यों में नारी श्रेष्ठ है. स्त्री और पुरुष जन्म से स्वतंत्र हैं. इसलिए दोनों को सभी अधिकारों का समान रूप से उपयोग करने का अवसर दिया जाना चाहिए.
* भारत में राष्ट्रवाद का विकास तब तक संभव नहीं है, जब तक भोजन और वैवाहिक संबंधों पर जातीय भेदभाव जारी रहेगा.
* जाति एक राक्षस है जो आपके हर कदम पर आपका रास्ता काटती है.
* हिंदू धर्म, एक ऐसा धर्म जिसमें देवी सरस्वती को शिक्षा या विद्या की देवी माना जाता है, लेकिन महिलाओं को शिक्षित करने की अनुमति नहीं देता.