Margashirsha Maas: हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 नवंबर 2019 से मार्गशीर्ष महीने (Margashirsha Maas) की शुरुआत हो गई है, जिसे साल का नौंवा महीना माना जाता है. मार्गशीर्ष महीने को स्वयं भगवान का स्वरूप माना जाता है, क्योंकि यह मास भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) को अत्यंत प्रिय है. मार्गशीर्ष यानी अगहन का महीना भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और श्रीकृष्ण (Shri Krishna) की पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने शंख पूजा, नदी स्नान, दान, पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस महीने भगवान कृष्ण और श्रीहरि की पूजा करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और पुण्य प्राप्त होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस महीने की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है, इसलिए इस महीने को मार्गशीर्ष कहा जाता है. इसके अलावा इस महीने को मगसर, मंगसिर, अगहन, अग्रहायण जैसे नामों से भी जाना जाता है.
मान्यताओं के अनुसार, इस महीने भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करने से व्यक्ति को जीवन में हर तरह की सफलता प्राप्त होती है और वो हर प्रकार के संकटों से बाहर निकलने में सक्षम होता है. चलिए जानते हैं मार्गशीर्ष मास का महत्व और इस महीने से जुड़े खास नियम.
मार्गशीर्ष महीने से जुड़े नियम-
1- स्नान और दान
मार्गशीर्ष महीने में स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है. इस महीने में यमुना नदी में स्नान करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि इस महीने यमुना नदी में स्नान करने से व्यक्ति को हर प्रकार के संकट से मुक्ति मिलती है और श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके साथ ही गरीब और जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य प्राप्त होता है.
2- सुबह जल्दी उठना
मार्गशीर्ष महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से पवित्र होकर भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु का ध्यान करना चाहिए. इसके साथ ही विधिवत उनकी पूजा करनी चाहिए. इससे व्यक्ति की मानसिक शक्ति बेहतर होती है और वो अपने फैसले सही ढंग से ले पाते हैं.
3- भगवान विष्णु का ध्यान
मार्गशीर्ष महीने में भगवान विष्णु का ध्यान और पूजन करना शुभ माना जाता है. इस महीने विष्णु सहस्त्रनाम, गजेंद्रमोक्ष का पाठ करना पुण्यकारक माना जाता है. बताया जाता है ऐसा करने से यश-सम्मान, सुख-सौभाग्य, ऐश्वर्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है.
4- श्रीमद भागवत गीता का पाठ
इस महीने श्रीमद भागवत गीता का पाठ करना बहुत ही पुण्यदायी माना जाता है. मान्यता है कि मार्गशीर्ष महीने में गीता का पाठ करना हर तरह से व्यक्ति के लिए फलदायी होता है. ऐसा करने वाले व्यक्ति के मन में उत्साह बना रहता है और उसकी बौद्धिक क्षमता अच्छी होती है. यह भी पढ़ें: Kartik Maas 2019: कार्तिक माह का हिंदू धर्म में है बहुत महत्व, जानिए इस महीने करने चाहिए कौन से कार्य और किन कामों से करना चाहिए परहेज
5- शंख पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में सभी धार्मिक कार्यों में शंख का विशेष महत्व बताया गया है. शंख का जल सभी को पवित्र करने वाला माना जाता है. यही वजह है कि आरती के बाद श्रद्धालुओं पर शंख से जल छिड़का जाता है. मान्यता है कि इसकी पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, यही वजह है कि जिन घरों में शंख की नियमित पूजा होती है, उन घरों में कभी धन की कमी नहीं होती है.
मार्गशीर्ष मास का महत्व
स्कंदपुराण के मुताबिक, भगवान श्रीहरि और श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए श्रद्धालुओं को अगहन मास में व्रत आदि करना चाहिए. इस महीने किए गए व्रत और उपवास से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं. इस महीने जीरे का सेवन करने से परहेज करना चाहिए और अन्न दान करना चाहिए, क्योंकि इससे सभी पाप नष्ट होते हैं और समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस महीने भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा के दौरान तुलसी पत्र अवश्य चढ़ाना चाहिए.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.