Kartik Maas 2019: कार्तिक माह का हिंदू धर्म में है बहुत महत्व, जानिए इस महीने करने चाहिए कौन से कार्य और किन कामों से करना चाहिए परहेज
भगवान विष्णु (Photo Credits: Facebook)

Kartik Maas 2019: हिंदू धर्म में कार्तिक मास (Kartik Maas) का बहुत महत्व बताया जाता है. इसी महीने दिवाली (Diwali) और छठ (Chhath) जैसे  बड़े त्योहार मनाए जाते हैं. मान्यता है कि कार्तिक मास में ही भगवान विष्णु (Lord Vishnu) चार महीने की गहन निद्रा से जागते हैं और इसी महीने कुमार कार्तिकेय (Kumar Kartikeya) ने तारकासुर का वध किया था. यह महीना भगवान विष्णु, कार्तिकेय और माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) को समर्पित होता है, इसलिए इसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. कार्तिक महीने को हर लिहाज से इंसानों के लिए बहुत पवित्र माना जाता है. हालांकि कई ऐसे कार्य है जिन्हें कार्तिक महीने में करने से व्यक्ति को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, जबकि कई ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें इस महीने करने से परहेज करना चाहिए. चलिए जानते हैं कार्तिक महीने में कौन से कार्य करने चाहिए और किन कार्यों से परहेज करना चाहिए.

कार्तिक मास में करें ये काम

पवित्र नदी में स्नान- कार्तिक महीने में स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है. माना जाता है कि इस महीने ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करने से धरती के समस्थ तीर्थ स्थलों के दर्शन का पुण्य मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

तुलसी का पूजन- कार्तिक मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, इसलिए इस महीने तुलसी पूजन का विधान है. कहा जाता है कि इस महीने सुबह-शाम तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-शांति और संपन्नता का वास होता है.

श्रीहरि की पूजा- इस महीने भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और उन्हें स्मरण करते हुए तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए. कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने कुबेर से कहा था कि जो भक्त कार्तिक मास में मेरा पूजन और दीप दान करेगा उसे धन की कभी कमी नहीं होगी.

कार्तिकेय की पूजा- माना जाता है कि कार्तिक महीने के स्वामी भगवान कार्तिकेय हैं, इसलिए इस महीने उनकी पूजा भी करनी चाहिए. मान्यता है कि इसी महीने में उन्होंने देवताओं का सेनापति बनकर तारकासुर का वध किया था.

सूर्य को अर्घ्य- कार्तिक मास में सूर्य को अर्घ्य देने से शुभ फलों का प्राप्ति होती है. इस महीने में रोजाना उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है.

अन्न, वस्त्र व दीप दान- कार्तिक महीने में अन्न और वस्त्र का दान करना चाहिए. माना जाता है कि इस महीने किए गए दान का अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है. इसके साथ ही किसी नदी या तालाब में दीप प्रवाहित करना चाहिए. यह भी पढ़ें: Diwali 2019 Date & Full Scehdule: दिवाली कब है? जानिए धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन और भाई दूज की महत्वपूर्ण तिथियां

कार्तिक मास में न करें ये काम

शारीरिक संबंध न बनाएं- कार्तिक महीने में श्रीहरि के दामोदर नारायण स्वरूप की पूजा करनी चाहिए. इस महीने शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

मछली का सेवन न करें- माना जाता है कि इसी महीने भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर वेदों की रक्षा की थी, इसलिए इस महीने मछली का सेवन करने से परहेज करना चाहिए. इसके साथ ही अन्य तामसिक भोजन भी नहीं करना चाहिए.

बैंगन का सेवन न करें- कार्तिक महीने में बैंगन का सेवन करना अशुभ माना जाता है, इसलिए इस महीने बैंगन खाने से परहेज करें.

बुराई या अपमान न करें- कार्तिक महीने में किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और न ही कोई गलत काम करना चाहिए. इस महीने बुजुर्गों या किसी भी व्यक्ति का अपमान या बुराई करने से बचना चाहिए. ऐसा करने से लक्ष्मी रुष्ट होती हैं.

वृक्षों को नुकसान न पहुंचाएं- कार्तिक महीने में पेड़- पौधों को काटना अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस महीने पेड़-पौधे काटने से व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब होता है.

गौरतलब है कि कार्तिक महीने में भगवान की आराधना और धर्म-कर्म के कार्यों को करना शुभ माना जाता है, इसलिए इस महीने कोई ऐसा कार्य न करें, जिससे आपका सौभाग्य दुर्भाग्य में बदल जाए.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है