Anant Chaturdashi 2025 Wishes: अनंत चतुर्दशी के इन भक्तिमय हिंदी WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings के जरिए दें गणपति बप्पा को विदाई
अनंत चतुर्दशी 2025 (Photo Credits: File Image)

Anant Chaturdashi 2025 Wishes in Hindi: हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की शुरुआत होती है, जिसका समापन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के साथ होता है. इस साल 27 अगस्त 2025 को गणेश चतुर्थी के साथ गणेशोत्सव की शुरुआत हुई है और 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी मनाई जा रही है. गणेश चतुर्थी के दिन भक्त अपने लाड़ले गणपति बप्पा का धूमधाम से स्वागत करते हैं और पूरे दस दिन तक विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और माता पार्वती (Mata Parvati) के लाड़ले पुत्र गणेश जी के इस पर्व को भक्त पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि दस दिनों तक भक्तों के बीच रहकर गणपति बप्पा उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और फिर अनंत चतुर्दशी के दिन कैलाश वापस लौट जाते हैं.

अनंत चतुर्दशी के दिन भक्त नम आंखों से गणपति बप्पा को विदाई देते हैं और अगले बरस जल्दी वापस आने की कामना करते हैं. गणपति विसर्जन के दिन हर तरफ गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे सुनाई देते हैं. अनंत चतुर्दशी के इस खास अवसर पर आप इन भक्तिमय हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए गणपति बप्पा को विदाई दे सकते हैं.

1. एक दो तीन चार,
गणपति जी की जय जय कार,
पांच छह सात आंठ,
गणपति हैं सबके साथ.
गणपति बप्पा मोरिया!

अनंत चतुर्दशी 2025 (Photo Credits: File Image)

2. विघ्नहर्ता आए थे हमारे घर,
अब चले वो अपने धाम.
गणपति बप्पा मोरिया!

अनंत चतुर्दशी 2025 (Photo Credits: File Image)

3. बप्पा रहेगा फिर इंतजार
अगले बरस तू जल्दी आना.
गणपति बप्पा मोरिया!

अनंत चतुर्दशी 2025 (Photo Credits: File Image)

4. गणेश विसर्जन का यह प्यारा दिन,
बाप्पा की विदाई में भर आया दिल
"गणपति बप्पा मोरया!"

अनंत चतुर्दशी 2025 (Photo Credits: File Image)

बहरहाल, लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि शिव-पार्वती के लाड़ले पुत्र गणेश अपने भक्तों की मुरादों की झोली भरने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन उनके बीच आते हैं और अनंत चतुर्दशी तक उनके बीच रहकर वो भक्तों के सारे विघ्नों को दूर करते हुए उनकी समस्त इच्छाओं की पूर्ति करते हैं. इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन वो कैलाश वापस लौट जाते हैं. इस दिन भक्त बप्पा की प्रतिमाओं का विसर्जन करते हैं और हर तरफ 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' के जयकारे सुनाई देते हैं.