Jet Airways: क्या जेट एयरवेज की होगी वापसी? Karlock Capital-Murari Jalan की संकल्प योजना को लेनदारों की समिति ने दी हरी झंडी
जेट एयरवेज (Photo Credits: Pixabay)

Jet Airways to Make a Comeback: क्या जेट एयरवेज (Jet Airways) की वापसी होने जा रही है? रिपोर्ट्स के अनुसार, जेट एयरवेज एक नए मालिक कार्लोक कैपिटल और मुरारी जालान के साथ फिर से वापसी करने के लिए तैयार है. अगर नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने कार्लोक कैपिटल-मुरारी जालान (Karlock Capital-Murari Jalan) की संकल्प बिड को मंजूरी दी तो यह एयरलाइन एक बार फिर से टेकऑफ कर सकती है. प्रस्तुत की गई संकल्प योजना (Resolution Plan Approved) को शनिवार को लेनदारों की समिति (Committee of Creditors) द्वारा अनुमोदित किया गया, क्योंकि शनिवार को संपन्न ऋणदाताओं का ई-वोटिंग था. ई-वोटिंग का समापन आज यानी 17 अक्टूबर को हुआ और मुरारी लाल जालान व फ्लोरियन फ्रिट्च (Florian Fritsch) द्वारा प्रस्तुत संकल्प योजना को CoC के अंतर्गत 30 (4) के तहत विधिवत रूप से सफल संकल्प योजना के रूप में मंजूर किया गया.

यूएई के व्यवसायी मुरारी जालान ने लंदन के कार्लोक कैपिटल के साथ साझेदारी की थी, ताकि आर्थिक संकट से जूझ रही एयरलाइनों के संचालन को पुनर्जीवित करने की योजना का प्रस्ताव किया जा सके. जेट एयरवेज के लिए संकल्प बोली का लेनदारों के बहुमत के अधिकारियों ने समर्थन किया.

इस योजना को मंजूरी मिल गई है, इसके बारे में जानकारी देते हुए ग्रांट थॉर्नटन के आशीष छावरिया, जो जेट एयरवेज रेजोल्यूशन प्रोफेशनल इंचार्ज हैं. उन्होंने बताया कि कार्लोक कैपिटल और मुरारी जालान द्वारा अगले कुछ हफ्तों में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के समक्ष स्वीकृति के लिए फाइल को पेश करने की उम्मीद है. यह भी पढ़ें: जेट एयरवेज की सभी उड़ानें आज से बंद, आखिरी फ्लाइट रात 10:30 बजे हुई रवाना

रेजोल्यूशन प्लान को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी एनसीएलटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जो जेट एयरवेज के दिवालियापन कार्रवाई की सुनवाई कर रह रहा है. रिपोट्स में दावा किया गया है कि अगर रेजोल्यूशन योजना नियामक अनुमोदन प्राप्त करने में सफल होती है तो अगले छह महीनों में जमीनी विमान सेवाओं को पुर्नजीवित किया जा सकता है. विशेष रूप से जेट एयरवेज, जो एक समय भारत का सबसे बड़ा निजी कर्मिशियल एयरलाइन हुआ करता था, लेकिन भारी कर्ज के कारण उसका परिचालन 17 अप्रैल 2019 से बंद हो गया.