Uttarakhand Avalanche: बद्रीनाथ के पास हुए भारी हिमस्खलन में 41 मजदूर लापता, 16 को बचाया गया
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चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ के पास भीषण हिमस्खलन हुआ, जिसमें 41 मजदूरों के लापता होने की खबर है, जबकि 16 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. ये सभी मजदूर सीमा सड़क संगठन (BRO) के लिए काम कर रहे थे और घटना के वक्त एक निर्माण शिविर में मौजूद थे. एवलांच आने पर सभी इधर-उधर भागने लगे. इनमें से कुछ बचने में कामयाब हो गए तो वहीं 57 मजदूर बर्फ की चपेट में आ गए.

हिमस्खलन बद्रीनाथ से करीब 5 किलोमीटर दूर माणा गांव के पास हुआ, जो भारत-चीन सीमा के नजदीक स्थित है. हादसे के समय कुल 57 मजदूर BRO के कैंप में मौजूद थे. अब तक बचाए गए 16 मजदूरों को सेना के चिकित्सा शिविर में भर्ती कराया गया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, खराब मौसम बनी चुनौती

सेना के साथ ही आईटीबीपी, एनडीआरफ, एसडीआरफ की रेस्क्यू टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है. फिलहाल 60-65 बचावकर्मी ऑपरेशन में जुटे हैं. भारी बर्फबारी और तेज़ हवाओं के कारण सड़कें अवरुद्ध हैं. स्नो कटर्स तैनात किए गए हैं ताकि रास्ता खोला जा सके. तीन से चार एंबुलेंस भेजी गईं, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण पहुंचने में दिक्कत हो रही है.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने बताया कि पिछले दो घंटे से बचाव कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम के कारण दिक्कतें आ रही हैं. चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि तेज़ बर्फबारी और बारिश के चलते हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं.

सेना और NDRF की टीम पहुंच रही है

राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है. सेना को लामबगड़ के रास्ते को साफ करने के लिए कहा गया है. वहीं सहस्त्रधारा हेलीपैड पर एक अन्य टीम को स्टैंडबाय पर रखा गया है. SDRF की ड्रोन टीम भी तैयार है, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण ड्रोन ऑपरेशन संभव नहीं हो रहा.

IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड समेत कई पहाड़ी क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. विभाग ने शुक्रवार देर रात तक भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी दी है. इस दौरान सड़कों पर जलभराव और भूस्खलन का खतरा है. दृश्यता में कमी और ट्रैफिक प्रभावित होने की संभावना है. खराब मौसम बड़ी चुनौती बना हुआ है. SDRF, सेना और BRO की टीमें पूरी ताकत से राहत कार्यों में जुटी हैं.