RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आज MPC के फैसले की करेंगे घोषणा, रेपो रेट में हो सकता है बदलाव
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RBI MPC Announcement: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक आज खत्म हो रही है. India Today की रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक के बाद शुक्रवार, 6 दिसंबर को सुबह 10 बजे गवर्नर शक्तिकांत दास और छह सदस्यीय पैनल महत्वपूर्ण घोषणाएं करेंगे. खासतौर पर, रेपो रेट को लेकर बाजार और विशेषज्ञों की निगाहें इस फैसले पर टिकी हैं. आरबीआई ने फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा है. हालांकि, अब सवाल यह है कि क्या मौजूदा आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए कोई बदलाव होगा. पिछली बैठक में, समिति ने 'न्यूट्रल' रुख अपनाते हुए रेपो रेट और अन्य दरों को स्थिर रखा था.

हाल के आंकड़ों के मुताबिक, भारत की जीडीपी ग्रोथ 5.4% रही है, जो उम्मीद से कम है. वहीं, अक्टूबर में महंगाई दर 6.21% रही, जो आरबीआई के लक्ष्य से काफी ज्यादा है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा.

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प्रमुख आर्थिक चुनौतियां

  • धीमी जीडीपी ग्रोथ: भारत की दूसरी तिमाही में विकास दर 5.4% रही, जो 6.5% के अनुमान से कम है.
  • महंगाई दर: अक्टूबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) महंगाई 6.21% रही.
  • लिक्विडिटी की कमी: सिस्टम में नकदी घट रही है, जिससे जमा और क्रेडिट ग्रोथ प्रभावित हो रही है.
  • वैश्विक परिप्रेक्ष्य: अमेरिकी फेडरल रिजर्व और यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने दरें घटाई हैं, जिससे आरबीआई पर भी दबाव है.

विशेषज्ञों की राय

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक सुस्ती और कम होती महंगाई भविष्य में दरों में कटौती का रास्ता खोल सकती है. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने उधारी दरें कम करने पर जोर दिया है. लेकिन आरबीआई का फोकस फिलहाल खाद्य महंगाई पर है. डीबीएस बैंक के राव का कहना है, "संभावना है कि आरबीआई इस बार 'डोविश होल्ड' अपनाएगा और दरों में कटौती का संकेत देगा."

वहीं, अरंका के सीनियर मैनेजर विशाल कुमार ने कहा, "अगर आरबीआई दरें नहीं घटाता, तो यह आर्थिक सुस्ती को बढ़ा सकता है. हालांकि, दर घटाने से रुपया कमजोर हो सकता है. ऐसे में आरबीआई 50 बेसिस पॉइंट का सीआरआर कट कर सकता है, जिससे बैंकों को 1.2 लाख करोड़ रुपए की लिक्विडिटी मिलेगी."