नई दिल्ली, 20 अगस्त. अयोध्या (Ayodhya) में भगवान राम (Ram Mandir) का भव्य मंदिर बनने में 30 से 40 महीने का समय लग सकता है. यह अहम जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के तरफ से दी गई है. इसके साथ ही ट्रस्ट ने यह भी बताया कि मंदिर बनाने के लिए एक ग्राम लोहे का भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. ऐसे में मंदिर बनाने के पत्थर का ही इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही ट्रस्ट की तरफ से कहा जा रहा है कि मंदिर की आयु कम से कम एक हजार वर्ष होगी.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ट्वीट कर कहा कि राम मंदिर के निर्माण हेतु कार्य प्रारंभ हो गया है. CBRI रुड़की और IIT मद्रास के साथ मिलकर निर्माणकर्ता कम्पनी L&T के अभियंता भूमि की मृदा के परीक्षण के कार्य में लगे हुए है. मन्दिर निर्माण के कार्य में लगभग 36-40 महीने का समय लगने का अनुमान है. यह भी पढ़ें-Ram Mandir Bhumi Pujan: बनने के बाद कुछ ऐसा दिखेगा अयोध्या का भव्य राम मंदिर, देखें नए मॉडल की तस्वीरें
ANI का ट्वीट-
The construction of Shri Ram Janmbhoomi Mandir has begun. Engineers are now testing the soil at the mandir site. The construction work is expected to finish in 36-40 months... Iron won't be used in the construction of the Mandir: Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra #RamTemple pic.twitter.com/ApLCuxLQBw
— ANI (@ANI) August 20, 2020
ट्रस्ट ने यह भी कहा कि राम मंदिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे, अपितु भूकम्प, झंझावात अथवा अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो. मंदिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नही किया जाएगा.
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने श्रीरामभक्तों से आह्वान किया है कि वे तांबे की पत्तियां दान करें. क्योंकि मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा. निर्माण कार्य हेतु 18 इंच लम्बी, 3 mm गहरी और 30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता पड़ेगी.