लखनऊ, 30 सितम्बर: लखनऊ हाईकोर्ट के फैजाबाद रोड पर नए भवन में स्थानांतरित होने के करीब 4 साल बाद कैसरबाग के पुराने हाईकोर्ट में फिर से गतिविधियां शुरू हो गईं हैं. दरअसल, यहीं विशेष सीबीआई अदालत बुधवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अपना फैसला सुनाने वाली है. इस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani), पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi) और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व सांसद विनय कटियार और कई अन्य वीएचपी नेता समेत 32 आरोपी शामिल हैं.
फैसले से पहले राज्य भर में हाई अलर्ट लगा दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक इस पूरे इलाके में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें से आधे पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में तैनात किया गया है. ट्रैफिक एसपी पूर्णेंदु सिंह ने कहा कि अदालत का फैसला होने तक सभी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है और क्षेत्र में केवल एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को ही ले जाने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने कहा, "अन्य बदलाव भी किए गए हैं, कुछ स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए जाएंगे."
Lucknow: Security tighetened around Special CBI court. The court will pronounce its verdict today, in Babri Masjid demolition case. pic.twitter.com/ArCv47NDsB
— ANI UP (@ANINewsUP) September 30, 2020
उत्तर प्रदेश के ऐसे 25 जिले जो सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माने जाते हैं, उनमें सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अयोध्या में भी विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है और पुलिस की पर्याप्त तैनाती की गई है. लखनऊ और अयोध्या में रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को भी तैनात किया गया है. सुरक्षा की कमान सीआईडी भी संभालेगी. सीआईडी, लखनऊ खुफिया इकाई और सीआरपीएफ और डॉग स्क्वायड को भी अदालत में तैनात किया गया है. अदालत में नए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
मई 2017 से इस मामले की लगातार सुनवाई कर रहे अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश (अयोध्या मामले) एस.के. यादव ने बुधवार को सभी 32 आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा है. यह फैसला अदालत के कमरा नंबर 18 में सुनाया जाएगा. इस दौरान एक बार में 5 आरोपी ही अदालत के अंदर रहेंगे और बाकी बाहर लॉबी में बैठे रहेंगे.
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बता दें कि मामले में 49 आरोपी थे, वहीं तोड़फोड़ में शामिल लाखों 'कारसेवकों' के नाम भी राम जन्मभूमि पुलिस स्टेशन में दो अलग-अलग एफआईआर में दर्ज किए गए थे. लेकिन सुनवाई के दौरान आरोपियों में से बाल ठाकरे, अशोक सिंघल, महंत अवैद्यनाथ, गिरिराज किशोर और विजयाराजे सिंधिया समेत कुछ अभियुक्तों का निधन हो गया और अब 32 आरोपी ही बचे हैं.
सूत्रों ने बताया है कि हो सकता है कि फैसले के दिन लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, एमएम जोशी और महंत नृत्य गोपाल दास उपस्थित न रहें क्योंकि उन्होंने स्वास्थ्य आधार पर इसके लिए छूट मांगी है. उमा भारती और कल्याण सिंह कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती हैं.