
Indonesia Mine Accident: इंडोनेशिया के वेस्ट जावा प्रांत के सीरेबोन जिले में शुक्रवार को गुनुंग कुडा (Gunung Kuda) नाम की एक पत्थर की खदान धंसने से बड़ा हादसा हो गया. इस दर्दनाक हादसे में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग अब भी मलबे में फंसे हुए बताए जा रहे हैं. स्थानीय पुलिस प्रमुख सुमार्नी ने जानकारी दी कि शनिवार दोपहर तक 16 शव मलबे से निकाले जा चुके थे, वहीं एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन खराब मौसम, अस्थिर जमीन और ऊबड़-खाबड़ इलाके के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतें आ रही हैं.
घटना के समय खदान में काम कर रहे लोग अचानक हुए पत्थर के गिरने से मलबे में दब गए.
इंडोनेशिया में खदान ढहने से 19 लोगों की मौत
🇮🇩 #BREAKING: 10 KILLED IN INDONESIAN QUARRY DISASTER: RESCUE CREWS DIG FOR SURVIVORS
In Indonesia’s West Java, a quarry in Cirebon, about 125 miles east of Jakarta, collapsed today, killing at least 10 and injuring 6.
Source: Reuters https://t.co/iZ9XAA0psc
— Md.Sakib Ali (@iamsakibali1) May 30, 2025
खदान मालिक समेत 6 लोगों से पूछताछ
टीवी फुटेज में दिखाया गया कि पुलिस, सैनिक और स्थानीय वॉलंटियर्स मिलकर जान जोखिम में डालकर खदान के ऊंचे चूना पत्थर की चट्टानों के बीच से लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं. इस काम में पांच खुदाई करने वाली बड़ी मशीनें लगाई गई हैं. इस हादसे की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस ने खदान मालिक समेत 6 लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है. जांच के दौरान सामने आया कि खदान में सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी की गई थी.
वेस्ट जावा के गवर्नर डेदी मुल्यादी ने एक इंस्टाग्राम वीडियो बयान में कहा कि फरवरी में चुनाव जीतने से पहले उन्होंने इस खदान का दौरा किया था और तब भी इसे खतरनाक माना था. उन्होंने कहा, “उस समय मेरे पास इसे बंद करवाने का अधिकार नहीं था. लेकिन अब मैंने इस खदान के साथ-साथ प्रदेश की चार और खतरनाक खदानों को बंद करने का आदेश दे दिया है.”
श्रमिकों की सेहत को भारी नुकसान
गौरतलब है कि इंडोनेशिया में अवैध और असंगठित खनन कार्य काफी आम हैं. ये काम बेहद खतरनाक हालात में होते हैं, जहां जानमाल के नुकसान की आशंका हमेशा बनी रहती है. ऐसे खनन स्थलों पर लैंडस्लाइड, बाढ़ और सुरंग धंसने की घटनाएं आम हैं. साथ ही, खतरनाक केमिकल्स जैसे मरकरी और सायनाइड का भी प्रयोग किया जाता है, जिससे श्रमिकों की सेहत को भारी नुकसान पहुंचता है.
पिछले साल भी सुमात्रा द्वीप पर हुई भारी बारिश से एक अवैध गोल्ड माइनिंग साइट पर भूस्खलन हुआ था, जिसमें 15 लोगों की जान चली गई थी.