Babri Masjid Demolition Case: बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में CBI कोर्ट 30 SEP को सुनाएगा फैसला, आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी भी हैं आरोपी
मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी (Photo Credits-PTI)

सीबीआई की विशेष अदालत (Special CBI Court) दशकों पुराने बाबरी मस्जिद विध्वंस केस ( Babri Masjid Demolition Case) में 30 सितंबर को अपना अंतिम फैसला सुनाएगी. लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र यादव (Special CBI Judge SK Yadav) ने फैसला सुनाने की तारीख 30 सितंबर तय की है, फैसले के दिन बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती सहित अन्य लोगों को अदालत में मौजूद रहना होगा. सीबीआई ने इस मामले में 351 गवाह और 600 दस्तावेजी सबूत अदालत के समक्ष पेश किया था. बाबरी विध्वंस मामले में अदालत का फैसला 28 साल बाद आ रहा है. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में मुकदमे को पूरा करने और अपना फैसला सुनाने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था.

बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने सितंबर महीने की शुरुवात में सभी 32 आरोपियों के बयान दर्ज करके मामले में सभी कार्यवाही पूरी कर ली थी. दशकों पुराने इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, साक्षी महाराज,साध्वी रितंभरा, विश्व हिंदू परिषद नेता चंपत राय सहित 32 आरोपी हैं. इस मामलें में बाला साहेब ठाकरे, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णुहरी डालमिया भी इस केस में आरोपी थे, जिनकी अब मौत हो चुकी है.

गौरतलब हो कि अयोध्या में 6 दिसंबर, 1992 को जब बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था, तब कल्याण सिंह ही प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. इस घटना के बाद कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया था. दरअसल, सीबीआई की याचिका पर 19 अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता लालकृण आडवाणी, डॉ़ मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह सहित 21 नेताओं पर ढांचा गिराने के आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने का मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी.