प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्री मंडल की बैठक हुई, जिसमें कृषि के बारे में तीन ऐतिहासिक निर्णय लिए गए. इन फैसलों के तहत कृषि उत्पादों के बहुतायत के कारण बंधनों वाले कानून की अब जरूरत नहीं होगी. साथ ही किसानों को अपने उत्पाद की अधिक कीमत मिलेगी. किसान अब अपने उत्पाद सीधे निर्यातकों को बेच सकेंगे. एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी के बंधन से किसानों को मुक्त कर दिया गया. किसान कहीं भी अपने प्रॉडक्ट बेच सकेंगे. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कैबिनेट की बैठक में हुए निर्णयों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किसानों को लेकर मोदी सरकार ने अध्यादेश को मंजूरी दी है. किसानों के लिए एक देश एक बाजार बनेगा. सरकार ने किसानों को किसी भी राज्य में फसल बेचने की अनुमति दी है.
उन्होंने बताया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम और मंडी कानून में संशोधन किया गया है और कृषि उत्पादों के भंडारण की सीमा खत्म कर दी गई है. किसानों के हित में कानून में सुधार किया गया है. वन नेशन, वन मार्केट पर भी आज कैबिनेट में चर्चा हुई. एक और महत्वपूर्ण निर्णय ये हुआ है कि अब किसानों को ज्यादा दाम मिलने पर अपनी उपज को आपसी सहमति के आधार पर बेचने की आजादी होगी. श्री जावडेकर ने कहा कि कैबिनेट ने कृषि क्षेत्र में तीन और अभूतपूर्व निर्णय लिये, जिनके अंतर्गत जरूरी कानूनों को किसान हितैषी बनाया जायेगा. प्याज, तेल, तिहलन और आलू को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर कर दिया गया है. भारत में निवेश बढ़ाने का प्रस्ताव के तहत निवेश आकर्षित करने के लिए मंत्रालयों/विभागों में सचिवों (ईजीओएस) और परियोजना विकास प्रकोष्ठों (पीडीसी) के "समूह" की स्थापना को मंजूरी दी गई है.
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कैबिनेट ने आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी (पीसीआईएम और एच) के लिए फार्माकोपिया आयोग की स्थापना को मंजूरी दी. इसके अलावा केन्द्र सरकार की ओर से कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट करने का अनुमोदन किया गया. प्रेसवार्ता में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि से एकमुश्त 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
13 हजार करोड़ किसानों ने प्रीमियम भरा, 64 हजार करोड़ नुकसान की भरपाई की गई है. उन्होंने बताया कि हर मंत्रालय में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल होगा. सेल प्रोजेक्ट संबंधी जमीन से लेकर पैसे की दिक्कत दूर करेगा. उन्होंने बताया कि अब कोई भी व्यक्ति कृषि उत्पाद बेचने के लिए ई-पोर्टल चला सकता है. लेकिन इंटरनेट के जरिए होने वाला कारोबार सरकार की निगरानी में होगा, ताकि अगर कृषि उत्पादों में खरीद-फरोख्त में कोई धोखाधड़ी होती है, तो सरकार त्वरित कार्रवाई कर सके.