PNB घोटाला: मेहुल चोकसी का नया बहाना, आर्थिक भगोड़ा ठहराए जाने को चुनौती देने के बाद देरी के लिए 'तूफान' को बताया जिम्मेदार
मेहुल चोकसी (Photo Credits: PTI)

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फरार आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) ने एक नया बहाना बनाया है. दरअसल, मेहुल चोकसी ने 31 जनवरी को बंबई हाई कोर्ट (Bombay High Court) द्वारा दिए आदेश को चुनौती देने के लिए अपने वकील को निर्धारित 30 दिनों के अंदर कानूनी दस्तावेज न दे पाने के लिए एंटीगुआ (Antigua) और बारबुडा (Barbuda) में आए तूफान को जिम्मेदार ठहराया है. मेहुल चोकसी ने गवाहों की जांच की मांग की थी, जिसे 31 जनवरी को मुंबई की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया. गवाहों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत आर्थिक भगोड़ा घोषित किया था.

मेहुल चोकसी अब इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देना चाहता है. 60 साल के मेहुल ने नवंबर, 2017 में निवेश के जरिए नागरिकता कार्यक्रम (CIP) का इस्तेमाल करते हुए एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता हासिल की थी. उसने पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत किए जाने से कुछ दिन पहले पिछले साल जनवरी में भारत छोड़ दिया था. कानून के नियमानुसार, किसी अदालत द्वारा पारित आदेश की तारीख को 30 दिनों के अंदर हाई कोर्ट में अपील दायर करनी होती है. लेकिन मेहुल चोकसी का वकील निर्धारित तिथि में वकालतनामा प्राप्त करने में असफल रहा. यह भी पढ़ें- PNB घोटाला: मेहुल चोकसी पर ED की बड़ी कार्रवाई, जब्त की 24 करोड़ की संपत्ति

मेहुल चोकसी के वकील ने एंटीगुआ में आए असमय तूफान को इसका कारण बताया है. वकील ने कहा कि तूफान की वजह से कूरियर सेवा और शिपमेंट बाधित हो गई. दरअसल चोकसी ने फेडएक्स कूरियर के जरिए वकील को 18 जून को वकालतनामा भेजे थे, लेकिन उसे 24 जून को मिले. गौरतलब है कि हाल ही में ईडी मेहुल चोकसी की कुल 24.77 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की थी जिसमें कीमती वस्तुएं, वाहन और बैंक खाते शामिल हैं. पीएनबी धोखाधड़ी से जुड़े मामले में यह कार्रवाई धनशोधन निवारक कानून 2002 के तहत की गई थी. ईडी ने चोकसी की दुबई स्थित तीन व्यावसायिक संपत्तियां, कीमती वस्तुएं, एक मर्सिडीज बेंज ई-280 और मियादी जमा राशि जब्त की हैं.