Operation Crystal Fortress: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और NCB ने मिलकर साउथ दिल्ली के छतरपुर इलाके में एक फ्लैट से करीब 328 किलो मेथाम्फेटामाइन जब्त की. अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ड्रग की कीमत 260 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है. इस बड़ी सफलता को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ऑपरेशन की तारीफ की और इसे ड्रग्स के खिलाफ बड़ी जीत बताया.
ऑपरेशन का नाम: क्रिस्टल फोर्ट्रेस
इस पूरी कार्रवाई को 'ऑपरेशन क्रिस्टल फोर्ट्रेस' के तहत अंजाम दिया गया. जांच एजेंसियों के मुताबिक यह केस तब खुला जब उत्तर प्रदेश के रहने वाले शेन नाम के शख्स को पकड़ा गया. वह एक सेल्स मैनेजर था लेकिन गुप्त तरीके से दिल्ली में ड्रग्स सप्लाई करने के नेटवर्क से जुड़ा हुआ था. उसके संपर्क विदेशी हैंडलर्स से थे, जो उसे राजधानी में ड्रग्स बांटने के निर्देश देते थे.
फर्जी सिम और सीक्रेट ऐप्स का इस्तेमाल
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शेन अपने हैंडलर से फर्जी सिम कार्ड और एन्क्रिप्टेड ऐप्स जैसे व्हाट्सऐप और जंगी के जरिए बातचीत करता था. उसे हर काम बेहद गुप्त तरीके से करने के निर्देश दिए जाते थे. गिरफ्तारी के बाद उसने पूछताछ में कई अहम सुराग दिए और एक महिला के नाम का खुलासा किया, जो ड्रग सप्लाई चेन में शामिल थी.
छतरपुर फ्लैट से बरामद हुआ माल
शेन के बताए इनपुट्स पर NCB ने छतरपुर के एक फ्लैट पर छापा मारा. यहां से 328.54 किलो मेथ बरामद हुई, जो अब तक की सबसे बड़ी जब्त खेपों में से एक मानी जा रही है. यह ड्रग ऐप-बेस्ड डिलीवरी सर्विस के जरिए शेन तक पहुंचाई जा रही थी. बरामदगी के बाद मामले ने विदेशी नेटवर्क के बड़े रोल की ओर भी इशारा किया.
नागालैंड की महिला भी गिरफ्तार
इस मामले में नगालैंड की रहने वाली 43 वर्षीय एस्थर किमी को भी पकड़ा गया. वह दिल्ली में ड्रग का स्टोरेज और डिलीवरी पॉइंट संभाल रही थी. पूछताछ में उसने माना कि वह विदेश में बैठे एक शख्स के निर्देश पर कई बार ड्रग कंसाइनमेंट आगे पहुंचा चुकी है. बताया जा रहा है कि यही हैंडलर पिछले साल दिल्ली में 82 किलो कोकीन सप्लाई केस में भी शामिल था.













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