
भारत में मंगलवार (4 फरवरी) को शुरुआती कारोबार में सोने की कीमतें 83,350 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गईं. यह तेजी वैश्विक बाजारों के रुख को दर्शाती है, जहां सोना 2,830.49 डॉलर प्रति औंस से अब तक सर्वाधिक उच्चतम स्तर के करीब मजबूती से टिका हुआ है.
क्यों बढ़ रही हैं सोने की कीमतें?
सोने की कीमतों में नवीनतम उछाल के लिए कई चीज़े जिम्मेदार हैं :
- अमेरिकी सरकार की टैरिफ नीतियों के कारण विशेष रूप से चीन, मैक्सिको और कनाडा पर, मुद्रास्फीति (Inflation) बढ़ाने वाली मानी जा रही हैं. अधिकतर निवेशक बचाव के लिए सोने की ओर रुख कर रहे हैं.
- भू-राजनीतिक तनाव और अस्थिर इक्विटी बाजारों के कारण बाजार की अनिश्चितता, निवेशकों को सोने की ओर धकेल रही है.
- वैश्विक केंद्रीय बैंक सोना जमा कर रहे हैं, जिससे इसके बढ़ने की गति मजबूत हो रही है.
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स हाल ही में 109 अंक को पार कर गया, जिसका असर सोने सहित कमोडिटी बाजारों पर भी पड़ा.· उच्च प्रीमियम का लाभ भविष्य में उठाने के लिए प्रमुख बुलियन बैंक दुबई और हांगकांग जैसे एशियाई केंद्रों से सोने के भंडार को अमेरिका में स्थानांतरित कर रहे हैं.
क्या सोने में निवेश करना चाहिए?
विशेषज्ञ सतर्क रुख अपनाने का सुझाव देते हैं.
निवेशकों को निर्णय लेने से पहले वैश्विक आर्थिक रुझानों से अपडेट रहना चाहिए.
निवेशकों को लम्प-सम (lump sum) निवेश के बजाय क्रमबद्ध खरीदारी पर विचार करना चाहिए. जो लोग लंबी अवधि की हेजिंग की तलाश में हैं वे गोल्ड ईटीएफ (ETFs) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign gold bonds) को भी आजमा सकते है.
मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक जोखिम बने रहने के कारण, सोना ऊपर की ओर बढ़ना जारी रख सकता है, लेकिन इसके साथ ही कीमतों में सुधार भी हो सकता है.