गुरुग्राम, 1 अप्रैल: मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल (Manohar Lal) ने चंडीगढ़ (Chandigarh) के मसले पर पंजाब विधानसभा में रेजुलेशन पास करने को लेकर कहा कि चंडीगढ़ दोनों राज्यों हरियाणा और पंजाब की राजधानी है और रहेगी भी. दोनों राज्यों के बीच केवल चंडीगढ़ का ही मसला नहीं है बल्कि कई मुद्दे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ के कर्मचारियों की मांग और उनके हित में केंद्रीय सेवा नियम लागू करने का निर्णय लिया है. Haryana Budget 2022: दिवंगत नेता सुषमा स्वराज के नाम पर 5 लाख के पुरस्कार की घोषणा, पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं को 50% रिजर्वेशन की सौगात.
पंजाब सरकार इस मसले पर जनता को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से चंडीगढ़ के कर्मचारियों को काफी फायदा होगा. पहले हर आदेश के लिए चंडीगढ़ के कर्मचारियों को पंजाब सरकार पर निर्भर रहना पड़ता था. केंद्र से भत्ते या दूसरे बैनिफिट के लिए आदेश होते तो पहले पंजाब नोटिफिकेशन जारी करता था. इसके बाद चंडीगढ़ में यह लागू होती.
अब केंद्र जो नोटिफिकेशन करेगा, कर्मचारियों के लिए वह सीधे लागू हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि पंजाब ने अब तक भी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ नही दिया है जबकि हरियाणा ने 2016 में ही इसे लागू कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि चंडीगढ के कर्मचारी भी अभी तक इससे वंचित थे लेकिन अब नए नियम लागू होने के बाद उन्हें इसका लाभ मिल जाएगा.
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 1966 में पास हुए पंजाब पुर्नगठन एक्ट से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ अस्तित्व में आया था. इस एक्ट में प्रावधान है कि चंडीगढ़ के 60 प्रतिशत कर्मचारी पंजाब से और 40 प्रतिशत कर्मचारी हरियाणा से होंगे. उसी समय से चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब की राजधानी है.
श्री मनोहर लाल ने यह भी कहा कि सिर्फ पंजाब और हरियाणा ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश के लोग भी चंडीगढ़ में अपना शेयर मांगते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में पंजाब पुर्नगठन एक्ट के तहत चंडीगढ़ की 7.19 प्रतिशत जमीन पर हिमाचल प्रदेश का भी हक बताया था. यह अलग बात है कि हिमाचल प्रदेश ने अपनी राजधानी शिमला में बना ली है.