
पुणे: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) का कहर थम नहीं रहा है. पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome - GBS) का खतरा बढ़ता जा रहा है. सोमवार को 37 वर्षीय एक युवक की मौत के बाद GBS से मरने वालों की संख्या 7 तक पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक 192 संदिग्ध मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें से 167 मामलों की पुष्टि हुई है.
क्या है Gullain Barre Syndrome?
GBS एक दुर्लभ लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) गलती से तंत्रिकाओं (Nerves) पर हमला करने लगती है. इससे शरीर में कमजोरी, सुन्नपन और लकवे जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यह बीमारी इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी होने से पैदा होता है. कई मामलों में वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के बाद भी जीबीएस की कंडीशन आ सकती है.
पुणे में GBS का हाल
पुणे में 167 मरीजों में से 91 को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है. 48 मरीज ICU में भर्ती हैं. 21 मरीज वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. अब तक 7 मौतें हो चुकी हैं, जबकि 6 अन्य संदिग्ध मौतों की जांच चल रही है.
पुणे नगर निगम में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के 39, पीएमसी क्षेत्र में नए जोड़े गए गावों में 91 मामले, पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम में 29 अममले, पुणे ग्रामीण में 25, और अन्य जिलों 8 सहित विभिन्न क्षेत्रों से मामले सामने आए हैं.
पुणे में गंदे पानी से जुड़ा संक्रमण?
राज्य स्वास्थ्य प्रयोगशाला (State Health Laboratory) की जांच में सामने आया है कि 55 पानी के सैंपल दूषित पाए गए हैं. ये नमूने GBS प्रभावित क्षेत्रों से लिए गए थे, खासकर नांदेड़गांव, जहां सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं.
GBS के लक्षण
- हाथ-पैरों में झुनझुनी और कमजोरी
- चलने या संतुलन बनाने में दिक्कत
- तेज दर्द और मांसपेशियों में अकड़न
- सांस लेने में कठिनाई
बचाव के लिए क्या करें?
- स्वच्छ पानी पिएं और उबालकर ही इस्तेमाल करें.
- हाथ धोने और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.
- कमजोरी या असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
- स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करें.
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है और प्रभावित इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है. दूषित पानी की पहचान कर जल स्रोतों की सफाई और जल आपूर्ति पर सख्त निगरानी रखी जा रही है. लोगों को स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के जरिए सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है. GBS के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है. अगर किसी को हल्के लक्षण भी महसूस हों, तो तुरंत मेडिकल जांच करवाएं.