Diwali Ayodhya Deepotsav 2024 Photos: दिवाली का त्योहार हर साल भव्यता और रोशनी के साथ मनाया जाता है, लेकिन अयोध्या का दीपोत्सव इस खास दिन को और भी खास बना देता है. इस वर्ष, 2024 में, अयोध्या ने दिवाली की तैयारियों को लेकर खास ध्यान दिया है, जिससे शहर की हर गली और चौराहा रोशनी में नहाया हुआ है. यहां हम आपको अयोध्या दीपोत्सव की भव्य तैयारी के कुछ मनमोहक नज़ारे दिखाते हैं.
अयोध्या में 500 साल बाद भगवान श्री राम का भव्य स्वागत किया जा रहा है, जिसमें 28 लाख दीयों से दीपोत्सव मनाया जाएगा. यह पहली दिवाली है जब राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या सज रही है, और शहर को शानदार रोशनी से सजाया गया है. कार्यक्रम में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है, साथ ही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए नई आतिशबाजी भी होगी. सरयू नदी के घाट पर आज 28 लाख दीये जलाए जाएंगे. शाम छह बजे से दीप जलना प्रारंभ हो जाएगा.
अंतर्राष्ट्रीय कलाकार: म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, और अन्य देशों के कलाकार प्रस्तुति देंगे.
अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे. शास्त्रीय संगीत से लेकर लोक नृत्य तक, यहां के कार्यक्रमों में विविधता देखने को मिलेगी. ये कार्यक्रम न केवल लोगों का मनोरंजन करेंगे बल्कि संस्कृति और परंपरा को भी संजोएंगे.
अयोध्या के प्रमुख स्थलों पर आकर्षक झांकियों की सजावट की जा रही है. यहां की गलियों में खूबसूरत रंग-बिरंगे कागज के दीप और फूलों की सजावट हो रही है, जो हर किसी का ध्यान आकर्षित कर रही है. इन झांकियों में भगवान राम के जीवन की झलक दिखाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को एक अनोखा अनुभव मिले.
अयोध्या के घाटों पर दीप जलाने की परंपरा को बड़े स्तर पर मनाया जाएगा. हर साल की तरह, इस बार भी घाटों पर लाखों दीप जलाने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिससे अयोध्या की खूबसूरती और बढ़ जाएगी. दीपों की रोशनी से सजी ये घाटें दिवाली की रात को एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेंगी, जो सभी के दिलों को छू लेगी.
28 लाख दीये जलाकर नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य है.
500 साल बाद आया ऐसा मौका: पहली बार भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दिवाली मनाई जा रही है.
ग्रीन आतिशबाजी: प्रदूषणमुक्त आतिशबाजी 120-600 फीट की ऊंचाई पर होगी.
अयोध्या का दीपोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का भी प्रतीक है. इस बार, अयोध्या में दिवाली की रोशनी के साथ-साथ एकता और भाईचारे का संदेश भी फैलाने की कोशिश की जा रही है.
फोटो क्रेडिट- UP Tourism, X/@uptourismgov