Dev Deepawali 2024: देव दीपावली पर आज 21 लाख दीपों से जगमगाएगी काशी, उपराष्ट्रपति करेंगे ‘नमो घाट’ का उद्घाटन, जानें वाराणसी में क्या कुछ होगा खास

Varanasi Dev Deepawali 2024: देवताओं की दिवाली, यानी देव दीपावली, हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर वाराणसी में अत्यंत धूमधाम से मनाई जाती है. पिछले चार दशकों में यह परंपरा न केवल एक महोत्सव बन गई है, बल्कि यह वाराणसी की विश्व-प्रसिद्ध पहचान का हिस्सा भी बन चुकी है. इस वर्ष वाराणसी के घाटों पर करीब 21 लाख दीप जलाए जाएंगे, जो काशी की धरती को अलौकिक प्रकाश से जगमगा देंगे. इस खास अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ वाराणसी के नए नमो घाट का उद्घाटन करेंगे, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस भव्य आयोजन में हिस्सा लेंगे.

ऐतिहासिक देव दीपावली महोत्सव की चमक 

वाराणसी के मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने बताया कि इस वर्ष देव दीपावली को लेकर स्थानीय प्रशासन और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है. जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में इस पर्व में सहभागिता की, तब से देव दीपावली की ख्याति में और इजाफा हुआ है. इस पर्व के चलते विदेशी पर्यटकों में भी इस आयोजन को लेकर भारी आकर्षण है, और महीनों पहले से ही बुकिंग की जा रही है.

नमो घाट का उद्घाटन और विभिन्न आकर्षण 

इस बार देव दीपावली में नमो घाट को शामिल किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन उपराष्ट्रपति करेंगे. इसके साथ ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी भी इस आयोजन में शरीक होंगे. पेट्रोलियम मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से ही नमो घाट का निर्माण संभव हो सका है. घाटों पर सुंदर दीपों की माला के साथ आतिशबाजी और प्रोजेक्शन शो भी प्रमुख आकर्षण होंगे, जिसमें काशी की पौराणिकता, गंगा की उत्पत्ति और देव दीपावली के इतिहास का मनोरम वर्णन होगा.

प्रोजेक्शन शो और सांस्कृतिक आयोजन 

शाम साढ़े तीन बजे से शुरू होने वाले इस महोत्सव में शाम के समय चेतसिंह घाट पर लगभग 18-19 मिनट का विशेष प्रोजेक्शन शो होगा. इसमें काशी की ऐतिहासिक विरासत और गंगा की महत्ता को सुंदर रंगों और प्रकाश के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा. इसके अलावा एक अद्वितीय लेजर शो भी देखने को मिलेगा और कोल्ड ग्रीन पायरो नामक शो के जरिए इस आयोजन की भव्यता में चार चांद लगाए जाएंगे.

दीप जलाने की व्यवस्था और धार्मिक अनुष्ठान 

इस देव दीपावली के मौके पर करीब 21 लाख दीपों से पूरे वाराणसी के घाट रौशन होंगे. मंडलायुक्त के अनुसार, 11 लाख दीपक मिट्टी के होंगे, जबकि शेष गोबर से बने विशेष दीप होंगे. इसके अलावा गंगा के घाटों, वरूणा नदी, अस्सी नदी, और विभिन्न तालाबों पर जनसहयोग से भी हजारों दीप जलाए जाएंगे. इस साल आयोजन की थीम स्वच्छ घाट-स्वच्छ काशी रखी गई है, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगी.

काशी के घाटों पर विश्वस्तरीय आयोजन 

महोत्सव के दौरान सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है. नमो घाट की आतिशबाजी शाम को पौने छह बजे शुरू होगी, जबकि मुख्य आतिशबाजी विश्वनाथ धाम के सामने की जाएगी. दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के साथ इस महोत्सव का समापन करीब 8 बजे होगा. पूरे आयोजन को लेकर वाराणसी प्रशासन और केंद्रीय देव दीपावली आरती समिति ने व्यापक तैयारियां की हैं. समिति के अध्यक्ष आचार्य वागीश शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष देव दीपावली की थीम जाति पंत अनेक, हम सनातनी एक होगी, जो विभिन्न पंथों को एकजुट करने का संदेश देगी.

नारी सशक्तिकरण और नशामुक्ति थीम 

इस अवसर पर नारी सशक्तिकरण की दिशा में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई के योगदान को सम्मानित किया जाएगा. मणिकर्णिका कुंड, पंचगंगा घाट, और अन्य पवित्र स्थलों पर उनकी स्मृति में दीप जलाए जाएंगे. साथ ही, इस बार आयोजन में नशामुक्ति पर जागरूकता फैलाने की भी थीम रखी गई है, जो समाज के सुधार और युवाओं को एक सकारात्मक दिशा देने का प्रयास करेगी.

विदेशी पर्यटकों का आकर्षण 

देव दीपावली पर हर साल न केवल देशभर से श्रद्धालु काशी आते हैं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनते हैं. पेरिस से अपने पति के साथ आई इमैनुएला ने बताया कि यह पर्व उनके लिए अविस्मरणीय अनुभव है. उनके पति ने उनके जन्मदिन के तोहफे के रूप में देव दीपावली में शामिल होने का अवसर दिया, जिसे उन्होंने अपने जीवन की अनमोल स्मृतियों में से एक बताया.

इस प्रकार, देव दीपावली का यह अद्भुत पर्व वाराणसी की पवित्रता और भव्यता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करता है, जहां आस्था और भक्ति के साथ पूरा वातावरण दिव्यता में डूब जाता है.