दिल्ली के राजीव गांधी अस्तपाल में ‘कोविड​​-19 रैपिड रिस्पांस सेंटर’ का उद्घाटन
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

नयी दिल्ली, 25 अगस्त: दिल्ली (DELHI) के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Health Minister Satyendar Jain) ने ‘राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी’ अस्पताल में एक कोविड​​-19 त्वरित प्रतिक्रिया केंद्र (रैपिड रिस्पांस सेंटर) का उद्घाटन किया, जो संक्रमण की संभावित तीसरी लहर की आशंका के बीच शहर की स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा.केन्द्र में एक आईसीयू इकाई भी शामिल है. केन्द्र रोगी के आगमन क्षेत्र तथा चिकित्सा वार्ड के बीच एक ‘बफर जोन’ (कागजी और अन्य औपचारिक कार्यवाही पूरी करने में काम आने वाला क्षेत्र) के रूप में काम करेगा. यह भी पढे:Delhi School Reopening: दिल्ली में जल्द खुल सकते हैं स्कूल, एक्सपर्ट कमेटी ने दी हरी झंडी

इस 650 बिस्तरों वाले अस्पताल ने वैश्विक महामारी की पहली दो लहरों के दौरान कोविड-19 संबंधी देखभाल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अस्पताल के अधिकारियों ने कहा, ‘‘हमें भविष्य में भी ऐसे ही प्रकोप से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए. ’’अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मरीजों को लेकर बेहतर प्रबंधन के लिए और वास्तविक समय में आने वाले रोगियों की संख्या के साथ ‘बेड टर्नओवर’ (बिस्तरों की उपलब्धता की स्थिति) के मिलान के लिए, ‘त्वरित प्रतिक्रिया केंद्र’ समय की आवश्यकता है. केंद्र को दो हिस्सों में विभाजित किया गया है- सात बिस्तरों वाले ‘ट्राइएज क्षेत्र’ (रोगियों की स्वास्थ्य के हालात के आधार पर उनका वर्गीकरण करना) और 23 बिस्तरों वाला आईसीयू क्षेत्र. अधिकारी ने बताया कि सभी बिस्तरों में वेंटिलेटर, बीआईपीएपी मशीन, एचएफएनसी और क्रैश कार्ट जैसे महत्वपूर्ण देखभाल उपकरणों के साथ ‘मल्टीपारा मॉनिटर’ लगे हैं.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 की तीसरी लहर के अंदेशे के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है और कोरोना वायरस के मरीजों के लिए 37,000 बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है.जैन ने यह भी कहा कि भले ही संक्रमण दर कम हो रही हो और बीते कुछ दिनों में वायरस ने किसी की जान नहीं गई हो, फिर भी दिल्ली सरकार सतर्कता बरतना नहीं छोड़ रही है.दिल्ली में अभी तक कोविड-19 के 14.3 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और इससे 25000 से अधिक लोगों की मौत हुई हैं

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