
भारत के अपने अंतरिक्ष यात्री को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजने के सपने को साकार होने में थोड़ा और वक़्त लगेगा. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष में ले जाने वाले Axiom-4 मिशन की तारीख़ एक बार फिर आगे बढ़ा दी गई है.
पहले यह मिशन 19 जून को लॉन्च होने वाला था, लेकिन अब यह रविवार, 22 जून से पहले लॉन्च नहीं होगा. यह फ़ैसला दुनिया की बड़ी स्पेस एजेंसियों- NASA, SpaceX, Axiom Space और भारत के ISRO ने मिलकर लिया है.
इस बार क्यों टला मिशन?
इस बार की देरी का कारण रॉकेट में कोई ख़राबी नहीं है. असल में, अंतरिक्ष स्टेशन के एक पुराने रूसी हिस्से, 'ज़्वेज़्दा सर्विस मॉड्यूल' में हाल ही में कुछ मरम्मत का काम हुआ है. NASA इस मरम्मत को ठीक से जांचने और यह पक्का करने के लिए थोड़ा और समय चाहता है कि स्टेशन पर सब कुछ पूरी तरह से सुरक्षित और सामान्य है. अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सबसे ज़रूरी होती है, इसलिए यह सावधानी बरती जा रही है.
यह कोई पहली बार नहीं है
यह चौथी बार है जब इस मिशन की तारीख़ बदली गई है. इससे पहले 11 जून को भी लॉन्चिंग टालनी पड़ी थी. उस समय लॉन्च से ठीक पहले की जांच में रॉकेट के एक हिस्से से लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव पाया गया था, जिसे अब ठीक कर लिया गया है.
भारत के लिए क्यों इतना अहम है ये मिशन?
यह मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल होगा. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय नागरिक बनेंगे जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाएंगे और वहां कुछ समय बिताएंगे. वहां पर वह खाने-पीने और पोषण से जुड़े कुछ ख़ास वैज्ञानिक प्रयोग भी करेंगे.
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
लखनऊ में जन्मे 39 साल के शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना में एक जांबाज पायलट हैं. उन्हें सुखोई-30, मिग-29 और जगुआर जैसे कई लड़ाकू विमान उड़ाने का 2000 घंटे से ज़्यादा का अनुभव है.
अब सभी को 22 जून के बाद की नई तारीख़ का इंतज़ार है. पूरा देश उम्मीद कर रहा है कि जल्द ही सारी जांच पूरी हो और यह ऐतिहासिक मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हो, ताकि शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में भारत का परचम लहरा सकें.