
अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एयर इंडिया का विमान AI-171 एक दुखद हादसे का शिकार हो गया. टेकऑफ के तुरंत बाद बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान एक हॉस्टल की छत से टकरा गया. इस भीषण हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों की मौत हो गई. इसके अलावा, हादसे की चपेट में आने से कुछ छात्रों समेत स्थानीय नागरिकों की भी जान चली गई.
इस गंभीर हादसे की जांच 12 जून को ही शुरू कर दी गई थी. इस जांच में भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की टीम के साथ-साथ अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) और विमान बनाने वाली कंपनी (OEM) के विशेषज्ञ भी शामिल हैं. यह पूरी प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय नियमों (ICAO प्रोटोकॉल) के तहत की जा रही है.
जांच टीम को विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स मिल गए हैं.
- DFDR (डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर): यह विमान की गति, ऊंचाई, इंजन की शक्ति जैसे हजारों तरह के डेटा को रिकॉर्ड करता है.
- CVR (कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर): यह कॉकपिट के अंदर पायलटों की बातचीत और अलर्ट की आवाजों को रिकॉर्ड करता है.
इन ब्लैक बॉक्स के डेटा का विश्लेषण करने के बाद ही हादसे की असली वजह का पता चल पाएगा.
सावधान! व्हाट्सएप पर फैल रही है झूठी कहानी
इस दुखद घटना के बीच, सोशल मीडिया, खासकर व्हाट्सएप पर, हादसे की वजह को लेकर एक झूठा मैसेज वायरल हो रहा है. इस फेक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि हादसा पायलट की सीट में आई खराबी की वजह से हुआ. यह कहानी पूरी तरह से मनगढ़ंत और फेक है.
A #WhatsApp message, claiming to be a preliminary report on the crash of Air India Flight AI-171, is circulating widely.
❌ This message is #Fake
⚠️Always rely on official sources for accurate information pic.twitter.com/ikbVRv5r1q
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 21, 2025
मुख्य बिंदु:
- 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान AI-171 क्रैश हुआ, जिसमें 241 यात्रियों और कुछ स्थानीय नागरिकों की मौत हो गई.
- हादसे की आधिकारिक जांच AAIB, NTSB और विमान निर्माताओं की टीम कर रही है.
- इस बीच, व्हाट्सएप पर पायलट की सीट खराब होने की एक झूठी कहानी वायरल हो रही है, जो पूरी तरह फेक है.
क्या है सच्चाई?
सच्चाई यह है कि हादसे की असली वजह अभी तक पता नहीं चली है. PIB फैक्ट चेक जैसी सरकारी संस्थाएं लगातार लोगों को ऐसी झूठी खबरों से सावधान रहने की सलाह देती हैं. जांच पूरी होने और आधिकारिक रिपोर्ट आने से पहले, हादसे की वजह बताने वाला कोई भी मैसेज सिर्फ एक अफवाह है.
हमारी जिम्मेदारी
अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और उन्हें आगे न बढ़ाएं. यह समय पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना दिखाने का है, न कि गलत जानकारी फैलाने का. ऐसे मुश्किल समय में, हमारा कर्तव्य है कि हम गलत सूचना फैलाने से बचें और जांच पूरी होने का इंतजार करें.