एविएशन सेक्टर में आई तेजी, 10 सालों में देश को 30000 से ज्यादा नए पायलटों की जरूरत: डॉ. जितेंद्र सिंह

बेंगलुरु, 29 नवंबर : केंद्रीय विज्ञान और टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत अपने एयरोस्पेस और एविएशन इकोसिस्टम में बहुत बड़ा बदलाव देख रहा है, जो देसी टेक्नोलॉजी, मजबूत इंडस्ट्री पार्टनरशिप और पूरी सरकार के दृष्टिकोण से हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 10 सालों में भारत में एविएशन सेक्टर में बड़ी तेजी आई है और अब हवाई यात्रा आम लोगों की पहुंच में आ रही है.

मंत्री ने बताया कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने 'उड़ान' योजना शुरू की थी, तब बहुत कम लोगों को उम्मीद थी कि यह इतना बड़ा बदलाव लाएगा, लेकिन अब देश में एयरपोर्ट की संख्या दोगुनी हो चुकी है, नए रूट शुरू हो रहे हैं और यात्रियों की संख्या भी कई गुना बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि आने वाले 10 सालों में देश को 30,000 से ज्यादा नए पायलटों की जरूरत पड़ेगी और छोटे यात्री विमानों की मांग भी काफी बढ़ेगी. डॉ. सिंह ने नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज की तारीफ करते हुए कहा कि संस्था ने देश में सस्ते हवाई सफर और पायलट ट्रेनिंग के लिए स्वदेशी दो-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट और छोटे विमानों के निर्माण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. यह भी पढ़ें :गोवा पुलिस: इस साल स्कैम से जुड़े 767 नंबर ब्लॉक किए, 660 फ्रॉड वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म हटाए

इस दौरान मंत्री ने हंसा-3 (एनजी) का प्रोडक्शन वर्ज़न लॉन्च किया, जो भारत का पहला ऑल-कम्पोजिट टू-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट है, जिसे पायलट ट्रेनिंग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस एयरक्राफ्ट से अगले दो दशकों में भारत की लगभग 30,000 पायलटों की जरूरत को पूरा करने में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि इंडस्ट्री पार्टनर मेसर्स पायनियर क्लीन एम्प्स पहले से ही आंध्र प्रदेश के कुप्पम में 150 करोड़ रुपए की एक फैसिलिटी लगा रहा है, जो हर साल 100 एयरक्राफ्ट तक बनाएगा. डॉ. सिंह ने सीएसआईआर-एनएएल के 19-सीटर सारस एमके-2 एयरक्राफ्ट पर चल रहे काम के बारे में भी बताया, जो उड़ान जैसी स्कीम के तहत रीजनल कनेक्टिविटी को सपोर्ट करेगा.