Mahaparinirvan Diwas 2025: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (Dr. Babasaheb Ambedkar) के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस (Mahaparinirvan Day) पर मुंबई के दादर स्थित चैत्यभूमि में सुबह से ही बड़ी संख्या में अनुयायियों का आना-जाना लगा रहा. दूर-दराज़ के शहरों और गांवों से आए लोग बाबासाहेब की प्रतिमा के दर्शन और नमन करने के लिए कतारों में खड़े दिखाई दिए. पूरे परिसर में श्रद्धा, अनुशासन और सम्मान का माहौल नजर आया. दादर रेलवे स्टेशन से लेकर चैत्यभूमि तक अनुयायियों की भीड़ नजर आई. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी पहुंचे और उन्होंने बाबासाहेब को नमन किया.
इसका वीडियो (Video) सोशल मीडिया X पर @JaiMaharashtraN नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:Mahaparinirvan Diwas 2025: महापरिनिर्वाण दिवस! जानें भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जीवनी और उनकी विरासत के बारे में
चैत्यभूमि पहुंचे सीएम और डिप्टी सीएम
Devendra Fadnavis आणि Eknath Shinde चैत्यभूमीवर, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांना अभिवादन #DevendraFadnavis #EknathShinde #Chaityabhoomi #BRAmbedkar #MahaparinirvanDiwas #JaiMaharashtraNews #MarathiNews pic.twitter.com/ZvRXWQLUw3
— Jai Maharashtra News (@JaiMaharashtraN) December 6, 2025
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadnavis) और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Deputy CM Eknath Shinde) भी चैत्यभूमि पहुंचे और बाबासाहेब की स्मृति को नमन किया. सुबह राज्य सरकार की ओर से एक आधिकारिक श्रद्धांजलि सभा (Official Tribute Ceremony) आयोजित की गई, जिसमें कई मंत्री, अधिकारी और समाजसेवी मौजूद रहे. नेताओं ने आंबेडकर के विचारों और संविधान निर्माण में उनके योगदान को याद किया.
अनुयायियों की सुविधा के लिए विशेष इंतज़ाम
चैत्यभूमि आने वाले हजारों अनुयायियों को ध्यान में रखते हुए पानी, प्राथमिक चिकित्सा, सहायता केंद्र (Help Desk), विश्राम स्थल (Rest Area) और भीड़-मार्गदर्शन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. स्वयंसेवक और प्रशासनिक कर्मचारी पूरे दिन भाविकों की मदद में लगे हुए हैं.ताकि किसी को भी किसी प्रकार की परेशानी न हो.
हर वर्ष 6 दिसंबर लाखों की तादाद में पहुंचते है अनुयायी
6 दिसंबर का दिन हर साल आंबेडकरी अनुयायियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग चैत्यभूमि पहुंचकर बाबा साहेब के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. इस वर्ष भी वही परंपरा कायम रही और पूरे परिसर में “जय भीम” के नारे गूंजते रहे.













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