आगरा, 8 अक्टूबर: ताज नगरी में पिछले 24 घंटों में 56 से अधिक नए कोरोनावायरस मामले सामने आए हैं, जिनके साथ मामलों की कुल संख्या 6,110 हो गई. यह जानकारी राज्य के अधिकारियों ने गुरुवार को दी. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट पी.एन. सिंह ने कहा कि अब तक 5,436 लोग इस संक्रमण से उबर गए हैं, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या अब 545 है. जिले में नमूनों की जांच संख्या 2,07,022 हो गई है. हालांकि कोविड-19 के नमूनों की दैनिक जांच 2,500 के आसपास बनी हुई हैं, वहीं सितंबर में असामान्य रूप से बढ़े संक्रमण के मामलों के बाद अब नए मामलों की संख्या में कुछ राहत मिली है.
मौसमी वायरल बुखार, डेंगू, और फ्लू के बढ़ते ग्राफ के साथ आगरा में डॉक्टरों ने मरीजों को कोविड परीक्षण के लिए जल्दबाजी न करने की सलाह दी, साथ ही उन्होंने परिवार के डॉक्टर या पहले सरकारी क्लीनिक जाने की सलाह दी. डॉक्टरों ने कहा, कोविड-19 टेस्ट के लिए भागने से पहले बुखार के मरीजों को पहले अपने परिवार के डॉक्टरों की राय लेनी चाहिए. मरीजों को फ्लू, वायरल बुखार सहित मौसमी, डेंगू, या यहां तक कि मूत्र संक्रमण सहित कई स्वास्थ्य मुद्दों से बुखार हो सकता है.
हालांकि वैक्सीन आने में अभी वक्त है, लेकिन पिछले कुछ महीनों की तुलना में कोविड-19 से निपटने के लिए डॉक्टर दवाओं, उपकरणों से लैस होने के साथ एहतियात उपाय के साथ बेहतर स्थिति में हैं. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि इसे लेकर प्रसन्न होने जैसा कुछ नहीं है. अधिवक्ता विवेक सरभोय ने कहा कि सामाजिक दूरी, मास्क पहनना जैसे उपायों का सख्ती से पालन करना और कराना अतिआवश्यक है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सचिव डॉ. संजय चतुवेर्दी ने कोविड सिंड्रोम के बाद के व्यापक अध्ययनों का सुझाव दिया है, क्योंकि रोगियों में कुछ जटिल मामले प्रकाश में आए हैं. चतुवेर्दी ने कहा, "यह देखा गया है कि कोविड-19 कुछ अंगों को नुकसान पहुंचाता है और नेगेटिव टेस्ट के बाद भी मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति बेहतर होने में बहुत समय लगता है."